सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरReuters file

मुंबई के ईएसआईसी अस्पताल में 10 लोगों की जान लेने वाली भयंकर आग के दौरान उपभोक्ताओं को खाने की डिलीवरी करने निकला स्विगी का एक 20 वर्षीय डिलिवरी ब्वॉय इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए अपनी जान की परवाह न करके जलती आग में कूद गया और 10 लोगों की जान बचाई.

स्विगी कर्मचारी सिद्धू हुमानाबाड़े खाना पहुंचाने जा रहा था जब वहां से गुजरते हुए उसने ईएसआईसी कामगार अस्पताल के ऊपरी तलों से धुआं निकलते हुए देखा. अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर उसने दमकल कर्मियों से पूछा कि क्या वह लोगों को बचाने में उनकी मदद कर सकता है.

अधिकारियों की अनुमति मिलने पर वह अग्निशमनकर्मियों की सीढ़ियों की मदद से इमारत के चौथे तल पर पहुंचा और वहां फंसे कुछ मरीजों एवं आगंतुकों को सुरक्षित निकाला.

बहादुरी दिखाते हुए उसने घने धुंए से भरी जगह में प्रवेश किया और दो घंटे में 10 लोगों को सुरक्षित निकाला. हालांकि दमघोंटू धुएं के कारण वह बेहोश हो गया. फिलहाल उसका पास के सेवन हिल्स अस्पताल में इलाज चल रहा है.

अस्पताल में पीटीआई-भाषा से बात करते हुए सिद्धू ने बताया कि लोगों को मदद की गुहार सुनकर वह खुद को रोक नहीं पाया. उसने बताया, "मैं राहत अभियान में दमकल के कर्मियों के साथ शामिल हुआ. शुक्र है कि उन्होंने चौथी मंजिल तक जाने के लिए मुझे अपनी सीढ़ी का इस्तेमाल करने दिया. मैंने कुल्हाड़ी से इमारत का कांच तोड़ा और अंदर घुसा."

सिद्धू ने कहा कि उसने मरीजों से खिड़की के किनारे आने को कहा और उन्हें एक-एक कर नीचे उतारा. उसने बताया, "एक मरीज मेरे हाथ से फिसल गई थी लेकिन खुशकिस्मती से वह बच गई."

सिद्धू मूल रूप से ऐरोली के रहने वाले हैं लेकिन हाल ही में वे अँधेरी के मरोल इलाके में अपने चाचा के साथ रहने आये हैं और उन्होंने कुछ ही दिन पहले स्विगी में काम करना शुरू किया है.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवार शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती पीड़ितों से मंगलवार को मुलाकात करने के साथ ही सिद्धू से भी मिले और उसकी सेहत का जायजा लेकर उसकी जरूरतें पूछी.

हाल ही में 12वीं कक्षा पास करने वाले सिद्धू ने कहा, "उनसे तारीफ पाना अच्छा लगा."