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खुफिया सूत्रों ने आईएएनएस को बताया है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले को अंजाम देने के लिए महिलाओं और बच्चों ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के ट्रांजिट पॉइंट त्राल से आतंकवादियों तक घातक विस्फोटक आरडीएक्स ग्रेड 5 (सैन्य उपयोग के लिए) और अमोनियम नाइट्रेट पहुंचाने में मदद की।
गौरतलब है कि जब सीआरपीएफ जवानों को लेकर 78 बसों का काफिला क्षेत्र से गुजर रहा था तभी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेएम) के एक स्थानीय फिदायीन आतंकी, आदिल डार ने जम्मू से श्रीनगर जाने वाले सैनिकों को ले जा रही एक बस में अपनी एसयूवी घुसा दी जिसमे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 40 से अधिक जवानों की मौत हो गई।
ख़ुफ़िया सूत्रों का कहना है कि विस्फोट करने के लिए ट्रिगर को स्थानीय स्तर पर निर्मित किया गया था जबकि आरडीएक्स विस्फोटक में ऑक्सीडाइज़र के रूप में अमोनियम नाइट्रेट का उपयोग किया गया था।
सूत्रों ने बताया कि सैन्य ग्रेड आरडीएक्स को सीमा पार से मंगवाया गया था और विस्फोट उपकरण को विस्फोट स्थल से लगभग 10 किमी दूर तैयार किया गया था।
सुरक्षा बलों ने इस आत्मघाती हमले के सिर्फ चार दिन बाद ही 18 फरवरी को तीन जेएम आतंकवादियों का सफाया करते हुए पुलवामा आतंकी हमले का बदला लिया। मारे गए तीन आतंकियों में पुलवामा आतंकी हमले के मास्टरमाइंड पाकिस्तान निवासी कामरान उर्फ रशीद गाजी भी शामिल था।