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महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर चल रही खींचतान 15वें दिन भारी जारी रही और राज्य विधानसभा के कार्यकाल को खत्म होने में 48 घंटे बचे हैं, ऐसे में शिवसेना ने गुरुवार को अपने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर राज्य को राष्ट्रपति शासन की तरफ ले जाने का आरोप लगाया।
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा, "बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है..अगर उसे भरोसा है तो उसे सरकार बनाने के लिए दावा करना चाहिए और समर्थन देने वाले 145 विधायकों की सूची सौंपनी चाहिए। अगर वे ऐसा नहीं कर सकते तो उन्हें सार्वजनिक तौर पर इसकी घोषणा करनी चाहिए और विपक्ष में बैठने की तैयारी करनी चाहिए।"
राउत ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा, "सरकार बनाने के लिए कोई कदम नहीं उठाकर बीजेपी दूसरे विकल्पों को इजाजत नहीं दे रही और जानबूझकर राज्य को राष्ट्रपति शासन की तरफ धकेल रही है। समय बदल गया है। आप के सत्ता से बाहर होने के बाद साम, दाम, दंड व भेद की राजनीति काम नहीं करेगी।"
विकल्पों के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा कि शिवसेना विकल्पों पर बात नहीं करेगी और वह इसे विधानसभा में साबित करेगी।
राउत शिवसेना के पास 170 विधायकों के समर्थन का दावा करते हैं।
उन्होंने दृढ़ता से कहा, "संविधान देश के लोगों के लिए है, किसी की निजी संपत्ति नहीं.. संवैधानिक तौर पर शिसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए।"
दिनभर के तेजी से बदलते घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट रूप से कहा कि वह राज्य की राजनीति में नहीं लौट रहे हैं, उन्होंने संकेत दिया कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं थे, जबकि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सभी 56 विधायकों की बैठक अपने घर पर की और भविष्य में सरकार गठन के फैसलों व अपने रुख पर उनका समर्थन हासिल किया।
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ठाकरे ने अपनी बैठक में कहा, "उन्हें बुलाने दीजिए। चर्चा हो सकती है। मुद्दा यह नहीं है कि उनका मुख्यमंत्री पहले होगा या हमारा मुख्यमंत्री, यह 30 महीने के लिए पद के बंटवारे को लेकर है, जिस पर पहले सहमति बनी थी। हम और कुछ नहीं चाहते हैं।"
इन सबके बीच राज्य बीजेपी प्रमुख चंद्रकांत पाटिल की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल व तीन अन्य मंत्रियों ने राज्यपाल बी.एस.कोश्यारी से मुलाकात की और मौजूदा गतिरोध में कानूनी-संवैधानिक पहलुओं पर उनकी सलाह मांगी।
इसके बाद महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोनी ने राज्यपाल से मुलाकात की और मौजूदा परिदृश्य में राज्य के समक्ष उपलब्ध विकल्पों पर चर्चा व सलाह दिया।
पूर्व की परंपराओं का पालन करते हुए राज्यपाल सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने की संभावनों के मद्देनजर आमंत्रित कर सकते हैं। वर्तमान में बीजेपी व शिवसेना में मुख्यमंत्री पद व समान रूप से सत्ता साझा करने को लेकर गतिरोध है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.