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IANS

दिल्ली सरकार के ईंधन पर वैट (मूल्य वर्द्धित कर) बढ़ाने के बाद राजधानी में मंगलवार से पेट्रोल 1.67 रुपये और डीजल 7.10 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया। इसके बाद दिल्ली में डीजल का भाव कमेट्रो शहरों में सबसे ऊंचा हो गया है। हालांकि पेट्रोल अभी भी सभी मेट्रो शहरों से सस्ता बना हुआ है।

तेल कंपनियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अब दिल्ली में डीजल की नयी कीमत 69.39 रुपये प्रति लीटर होगी जो पहले 62.29 रुपये प्रति लीटर थी। पेट्रोल का भाव 71.26 रुपये लीटर हो गया है।पहले यह 69.59 रुपये प्रति लीटर था।

केंद्र शासित प्रदेश में पेट्रोल पर अब वैट 27 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत और डीजल पर 16.75 प्रतिशत से 30 प्रतिशत हो गया है। इस बढ़ोत्तरी से दिल्ली सरकार को सालाना 900 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है। दिल्ली के अलावा किसी और शहर में पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है।

अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में भारी उथल-पुथल के चलते सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमत को स्थिर बनाए रखा है। इस बढ़ोत्तरी के बाद सभी मेट्रो शहरों में सबसे अधिक डीजल की कीमत दिल्ली में चुकानी होगी। साथ ही यह कीमत दिल्ली से सटे नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम से भी अधिक है।

दिल्ली में डीजल की नयी दर 69.39 रुपये प्रति लीटर है जो मुंबई में 66.21 रुपये, कोलकाता में 65.62 रुपये और चेन्नई में 68.22 रुपये प्रति लीटर बनी हुई है। इतना ही नहीं गुरुग्राम में एक लीटर डीजल का दाम 63.18 रुपये, गाजियाबाद में 62.82 रुपये और नोएडा में 62.96 रुपये चुकाना होगा।

औद्योगिक जगत का कहना है कि भारत में ईंधन का बाजार मूल्य को लेकर काफी संवेदनशील है। ऐसे में ट्रक, अंतरराज्यीय परिवहन और अन्य दिल्ली के बजाए पड़ोसी राज्यों से तेल भरवाना उचित समझेंगे।

हालांकि सभी मेट्रो शहरों के मुकाबले दिल्ली में पेट्रोल अभी भी सबसे सस्ता है। मुंबई में एक लीटर पेट्रोल का दाम 76.31 रुपये, कोलकाता में 73.30 रुपये और चेन्नई में 75.54 रुपये प्रति लीटर है। वहीं दिल्ली-एनसीआर में भी यह कीमतें अन्य शहरों के लगभग बराबर आ गयी हैं। गुरुग्राम में पेट्रोल की कीमत 71.21 रुपये प्रति लीटर, गाजियाबाद में 71.90 रुपये प्रति लीटर और नोएडा में 72.03 रुपये प्रति लीटर है।

कोरोना वायारस और उसके चलते देशभर में किए गए लॉकडाउन से देश की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है। इससे सरकार के राजस्व में भी कमी आयी है। ईंधन पर वैट बढ़ाकर दिल्ली सरकार की कोशिश इस राजस्व नुकसान को कम करने की है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा द्वारा लिखा गया है.