जैश प्रमुख मसूद अजहर
जैश प्रमुख मसूद अजहरANI

भारत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण में, अमेरिका ने कहा है कि जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर एक वैश्विक आतंकवादी है और ऐसा घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार हैं. उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं करना क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा होगा. गौरतलब है की अमेरिका की तरफ से यह बयान अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किये जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अहम निर्णय लिये जाने से पहले आया है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप-प्रवक्ता रॉबर्ट पालाडिनो ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन मिलकर क्षेत्रीय स्थिरता एवं शाति के लिए काम कर रहे हैं. यदि हम जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं, तो हम आतंकवाद के खात्मे के अपने संकल्प को पूरा नहीं कर पायेंगे.

यूएनएससी के तीन स्थायी और महत्वपूर्ण सदस्यों - अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में चिन्हित करने का आह्वान किया है. हालांकि, एक अन्य वैश्विक महाशक्ति और यूएनएससी के स्थायी सदस्य, चीन ने कहा है कि वे मसूद अजहर को यूएनएससी में 'वैश्विक आतंकवादी' के रूप में चिह्नित करने के लिए भारत के प्रस्ताव को अवरुद्ध करने के प्रयास करेंगे.

समाचार एजेंसी ANI ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो के बयान को ट्वीट किया. इसमें लिखा, 'अजहर जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और सरगना है. उसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं.'

पालाडीनो ने आगे कहा कि जैश कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है और वह क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा है. पलाडिनो ने कहा कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र में हुई बातचीत पर सीधी टिप्पणी नहीं की.

उल्लेखनीय है कि 50 वर्षीय अजहर ने भारत में कई आतंकवादी हमले कराये हैं और वह संसद, पठानकोट वायुसेना स्टेशन, उरी तथा जम्मू-कश्मीर में कई अन्य जगह सैन्य शिविरों पर हमले और हाल में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आत्मघाती हमले का साजिशकर्ता है. पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश के हमले में 40 जवान शहीद हो गये थे.

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Indranil MUKHERJEE / AFP

इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए प्रस्ताव पेश किया था. इससे पहले सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किये जाने की कई कोशिशों को पाकिस्तान का मित्र चीन बाधित कर चुका है.

परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में शामिल चीन अब तक यह कहता आया है कि अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं. पुलवामा हमले के बाद वैश्विक आक्रोश के मद्देनजर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को उम्मीद है कि इस बार चीन समझदारी से काम लेगा और उनके कदम को बाधित नहीं करेगा. पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है.