प्रयागराज कुंभ में मंगलवार को मकर संक्रांति पर पहला शाही स्नान शुरू हुआ। शाही स्नान के लिए सबसे पहले संगम तट पर श्री पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी का जुलूस पहुंचा। अखाड़े के देव भगवान कपिल देव तथा नागा संन्यासियों ने अखाड़े की अगुवाई की।
पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी ने सबसे पहले डुबकी लगाई। परंपरा के मुताबिक सबसे पहले अखाड़े के भालादेव ने स्नान किया। उसके बाद नागा साधुओं ने फिर आचार्य महामंडलेश्वर और साधु-संतों ने स्नान किया।
#WATCH Hindu seers and saints head towards Sangam Ghat for a holy dip in river Ganga on the occasion of first ‘Shahi Snan’ at #KumbhMela2019 in Uttar Pradesh's Prayagraj (Early morning visuals) pic.twitter.com/9PBx4yBODE
— ANI (@ANI) January 15, 2019
श्री पंचायती अखाड़ा महानिवार्णी के बाद अटल अखाड़े के संतों ने शाही स्नान किया। दोनों अखाड़ों का स्नान पूरा हो चुका है। दोनों अखाड़ों के संत अपने शिविर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं।
श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा और तोपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़े के संतों का स्नान पूरा हो चुका है। दोनों अखाड़ों के संत अपने शिविर की ओर प्रस्थान कर रहे हैं। वहीं अब शाही स्नान के लिए सबसे बड़ा अखाड़ा श्री पंच दशनाम जूना के साथ अग्नि अखाड़ा और अवाहान अखाड़े के संत संगम तट पर पहुंच रहे हैं।
इसके बाद तीनों वैष्णव अणी अखाड़े दिगम्बर, निमोर्ही और निवार्णी अखाड़ा स्नान करेगा। इसके बाद दोनों बैरागी अखाड़े नया उदासीन और बड़ा उदासीन अखाड़े स्नान करेंगे। सबसे अंत में निर्मल अखाड़े के संत स्नान करेंगे।
आज करीब डेढ़ करोड़ श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का अनुमान है। कुंभ में 6 शाही स्नान हैं जो 55 दिनों तक चलेगा। इस दौरान करीब 15 करोड़ लोग संगम में आस्था की डुबकी लगाते हुए पुण्य कमाएंगे।