प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार 24 मार्च को एक अप्रत्याशित कदम उठाते हुए नोवेल कोरोनवायरस के प्रसार से निपटने के लिए पूरे भारत में पूर्ण लॉकडाउन लागू करने की घोषणा की. लॉकडाउन 21 दिनों की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा और 15 अप्रैल को ख़त्म होगा.
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देश को कोविड-19 के खतरे से बचाने के क्रम में लोगों को घर के अंदर रहने की अपील करते हुए, पीएम मोदी ने नागरिकों को आश्वासन दिया कि केंद्र और राज्य सरकारें देश भर में सभी आवश्यक वस्तुओं की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रही हैं.
प्रधान मंत्री के संबोधन के कुछ समय बाद, केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को लागू कराने के लिए कड़े दिशा निर्देश जारी किये हैं. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू किया गया है जिसके तहत किसी भी उल्लंघन के लिए दो साल तक की कैद हो सकती है.
मंत्रालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों के अनुसार सभी सरकारी कार्यालय, राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों के कार्यालय, स्वायत्त संस्थान, सार्वजनिक निगम, वाणिज्यिक, निजी, औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे.
इनमें कहा गया है कि हालांकि उचित मूल्य की दुकानें और भोजन, किराने का सामान, फल, सब्जियां, डेयरी, मांस, मछली, पशु चारे से संबंधित दुकानें खुली रहेंगी. दिशा निर्देशों के अनुसार बैंक, बीमा कार्यालय, प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया खुले रहेंगे। इनमें कहा गया है कि सभी परिवहन सेवाएं - हवाई, रेल और रोडवेज सेवाएं - तीन सप्ताह की अवधि के दौरान स्थगित रहेंगी. दिशा निर्देशों में कहा गया है, ''अंत्येष्टि के मामले में 20 से अधिक लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं होगी.'' इस अवधि के दौरान आतिथ्य सेवाएं और शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे.
इनमें कहा गया है कि रक्षा, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, कोषागार,पेट्रोलियम, सीएनजी, एलपीजी, पीएनजी, आपदा प्रबंधन, ऊर्जा, चेतावनी एजेंसियां, राज्य पुलिस, होमगार्ड, अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवाएं, जिला प्रशासन और कोषागार, बिजली, पानी, स्वच्छता, और नगर निकायों (केवल आवश्यक सेवाओं के लिए आवश्यक कर्मचारी) को लॉकडाउन से मुक्त किया गया है.
इनमें कहा गया है कि इन कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या न्यूनतम रहेंगी जबकि अन्य सभी कार्यालय घर से काम करेंगे. इनमें कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट इन दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए घटना के कमांडर के रूप में कार्यकारी मजिस्ट्रेट तैनात करेंगे.
लॉकडाउन के दौरान ये संस्थान और सेवाएं बंद रहेंगे
- सभी तरह के सार्वजनिक परिवहन बंद रहेंगे और रेल, बस, हवाई यात्रा नहीं हो सकेगी.
- सभी शिक्षण संस्थान और धार्मिक स्थल बंद रहेंगे. ट्रेनिंग, रिसर्च और कोचिंग संस्थान भी बंद रहेंगे.
- सभी होटल, मॉल, रेस्टोरेंट जिम, स्पा, क्लब बंद रहेंगे.
- सभी निजी दफ्तर बंद रहेंगे, कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम कर सकेंगे. केवल वे ही कर्मचारी जा पाएंगे जिनका काम घर से नहीं होगा.
- सभी फैक्ट्रिया, वर्कशॉप, गोदाम, साप्ताहिक लगने वाली हाट और बाजार आदि बंद रहेंगे.
- अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों को जाने की इजाजत नहीं होगी.
- कमर्शियल और निजी संस्थान बंद रहेंगे.
21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान ये संस्थान और सेवाएं खुले रहेंगे
- सब्जी, राशन, फल, दवा और दूध की दुकानें खुलेंगे.
- गृह मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक डिफेंस, पोस्ट ऑफिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल, डिजास्टर मैनेजमेंट आदि के संस्थान खुले रहेंगे.
- बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन यूनिट, नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर, पूर्वानुमान की एजेंसियां खुली रहेंगी.
- बैंको के साथ साथ एटीएम और बीमा दफ्तर खुलेंगे. कार्यअवधि में कुछ बदलाव देखा जाएगा.
- हॉस्पिटल के साथ साथ डिस्पेंसरी, क्लीनिक और नर्सिंग होम वगैरह खुले रहेंगे.
- पेट्रोल पंप के साथ एलपीजी पंप और गैस एजेंसिया खुली रहेंगी.
- ब्रॉडकास्ट के साथ इंटरनेट और केबल सर्विसेज जारी रहेंगी.
- ई-कॉमर्स की मदद से दवा की सप्लाई जारी रहेगी. मेडिकल इंस्ट्रूमेंट की सप्लाई भी जारी रहेगी.
- हॉस्पिटल के स्टाफ, पैरा मैडिकल स्टाफ, डॉक्टर्स, नर्स आदि काम पर जा सकेंगे.
- प्रिंट और इलेक्ट्रोन्क मीडिया काम करते रहेंगे.
- मीट और मछली, मवेशियों के चारे की दुकानें भी खुली रहेंगी.
- एंबुलेंस सेवा जारी रहेगी.
- क्वारंटाइन फैसिलिटी के तौर पर प्रयोग की जा रही इमारतें खुली रहेंगी.
इसके अलावा, सभी प्रकार के समारोहों चाहे वे सामाजिक, राजनीतिक, खेल, मनोरंजन, शैक्षणिक, सांस्कृतिक या धार्मिक हों, सबके आयोजन पर रोक लगा दी गई है। अंतिम संस्कार के मामले में भी 20 से अधिक व्यक्तियों को इकठ्ठा होने की अनुमति नहीं है।
(समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)