संयुक्त राष्ट्र महासभा में तुर्की और चीन के बाद मलेशिया ने भी कश्मीर मुद्दा उठाया है। मलेशिया के प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने भारत पर जम्मू एवं कश्मीर में आक्रमण करने और कब्जा करने का आरोप लगाया।
74वें यूएनजीए में अपने संबोधन में महाथिर ने कहा, जम्मू एवं कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के बावजूद, देश पर आक्रमण किया गया और इसे कब्जे में लिया गया।
महाथिर ने कहा, हो सकता है कि इस कार्रवाई के पीछे कोई कारण हो, लेकिन फिर भी यह गलत है। समस्या को निश्चित ही शांतिपूर्ण तरीकों से सुलझाना चाहिए। भारत को इस समस्या को सुलझाने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र की अनदेखी, संयुक्त राष्ट्र और कानून की अवहेलना के अन्य रूपों को जन्म देगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के इतर इस माह की शुरुआत में महाथिर से मुलाकात की थी, जहां भारत ने विवादास्पद धार्मिक गुरु जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण का और मलेशिया ने कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की थी।
मलेशियाई मीडिया के अनुसार, पांच सितम्बर को प्रधानमंत्री मोदी और महाथिर के बीच द्विपक्षीय वार्ता में कश्मीर मुख्य मुद्दा था।
मलेशिया के विदेश मंत्री दातुक सैफुद्दीन अब्दुल्ला ने बाद में पत्रकारों से कहा था, प्रधानमंत्री मोदी ने जम्मू एवं कश्मीर पर स्थिति स्पष्ट करने के लिए समय लिया जबकि महाथिर मोहम्मद ने मलेशिया के पक्ष से अवगत कराया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सभी पक्षों को मुलाकात करना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का पालन करना चाहिए।
यूएनजीए से इतर, पाकिस्तान, तुर्की और मलेशिया की त्रिपक्षीय बैठक हुई थी जिसमें उन्होंने संयुक्त रूप से इस्लामोफोबिया और इस्लाम के बारे में गलत धारणाओं को समाप्त करने के लिए समर्पित एक अंग्रेजी भाषा का टीवी चैनल लांच करने का निर्णय लिया था।
इससे पहले चीन और तुर्की भी संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर मुद्दा उठा चुके हैं।
भारत, मलेशिया का दसवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। दोनों देशों ने 2020 तक के लिए 15 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य रखा था जिसे 2018-19 में ही हासिल कर लिया गया।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।