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देश को हिलाने वाले दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक साथ 11 लोगों की मौत के मामले में बुधवार को एक नया खुलासा हुआ. घटना की जांच कर रही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा को घटना वाली रात 10.12 बजे की एक सीसीटीवी फुटेज मिली है जिसमे प्रियंका और नीतू मार्केट से स्टूल खरीदकर लाती हुई दिखाई दे रही हैं.

पुलिस ने घर के बाहर लगे सीसीटीवी में देखा कि 30 जून को रात 10:00 बजे नीतू और उसकी मां 6 काले रंग के स्टूल लेकर ऊपर गईं. रात 10:40 पर डिलीवरी ब्वाय खाना लेकर आया और वह उसने प्रियंका को दिया.

पुलिस ने उस दुकान का भी पता लगा लिया है, जहां से यह दोनों ने स्टूल खरीदे गए थे. घटना की जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि बुराड़ी के संतनगर की ही एक दुकान से सभी स्टूल खरीदे गए थे और घटना वाली रात इन स्टूलों पर चढ़कर ही परिवार के नौ सदस्यों ने फांसी लगाई थी. पुलिस को जाल पर लटके लोगों के शवों के पास से यह स्टूल बरामद हुए थे.

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रात 10.57 बजे भूपी कुत्ते को घुमाने के लिए बाहर आया. अगले दिन सुबह 5:56 बजे ट्रक दूध लेकर आया. आम तौर पर दुकान सुबह 6 बजे खुल जाती है, लेकिन जब दुकान नहीं खुली तो ट्रक वाले ने कई बार फोन मिलाया लेकिन किसी ने नहीं उठाया. ट्रक 6:03 बजे चला गया. सुबह 7:14 बजे नौकरों ने पड़ोस के सरदार जी से कहा तो वे ऊपर गए. वे 35 सेकेंड में नीचे आ गए और शोर मचा दिया.

भाटिया परिवार किस कदर अंधविश्वास में डूबा हुआ था, इसकी जानकारी बुधवार को मामले की छानबीन कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने दी. दरअसल परिवार को बिल्कुल भी यकीन नहीं था, क्रिया या अनुष्ठान करने करने के दौरान फंदे पर लटकने से उनकी मौत हो सकती है.

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एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घर से मिले रजिस्टर में लिखा था कि अनुष्ठान करने से पूर्व सात दिनों तक पूजा करना है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि 24 जून से ही घर में पूजा पाठ शुरू हो गया था. अनुष्ठान के लिए आखिरी दिन तैयारी की गई. इसके अलावा पुलिस अधिकारी घर से मिले सभी रजिस्टरों का गहन अध्यन कर रहे हैं.

इसके अलावा पुलिस जांच में एक और बात सामने आई है कि इस परिवार का सरनेम भाटिया नहीं बल्कि चुंडावत है. दरअसल प्रतिभा की शादी भाटी से हुई थी, जिनकी मौत हो गई थी. प्रतिभा बच्चों को पढ़ाती थी तो बच्चे उन्हें भाटिया मैडम बोलते थे.