
पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो में हुई हिंसा और विवाद के करीब 25 घंटे बाद चुनाव आयोग ने बुधवार देर शाम दो बड़े और कड़े फैसले लिए। पहला बड़ा फैसला लेते हुए चुनाव आयोग ने राज्य में सातवें और अंतिम चरण का चुनाव प्रचार एक दिन पहले ही समाप्त करने का फैसला लेते हुए आदेश दिया कि गुरुवार रात 10 बजे के बाद पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों पर कोई चुनाव प्रचार नहीं होगा। पहले चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम 5 बजे खत्म होना था।
Election Commission: No election campaigning to be held in 9 parliamentary constituencies of West Bengal - Dum Dum, Barasat, Basirhat, Jaynagar, Mathurapur, Jadavpur, Diamond Harbour, South and North Kolkata from 10 pm tomorrow till the conclusion of polls. pic.twitter.com/cTpKS6jFwp
— ANI (@ANI) May 15, 2019
दूसरे कड़े फैसले के तहत चुनाव आयोग ने ईश्चरचंद विद्यासागर की मूर्ति तोड़े जाने को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए घटना पर कार्रवाई करते हुए एडीजी (सीआईडी) और राज्य के प्रधान सचिव (गृह) को भी हटा दिया है।
EC: ADG CID, Rajiv Kumar stands relieved and attached to MHA. He should report to MHA by 10 am tomorrow.Principal Secy,Home &Health Affairs WB govt stands relieved from his current charge immediately for having interfered in process of conducting polls by directing WB CEO. pic.twitter.com/2AOEbIX7uR
— ANI (@ANI) May 15, 2019
बंगाल के प्रभारी उप चुनाव आयुक्त ने 13 मई को हालात का जायजा लिया था। उन्होंने रिपोर्ट सौंपी कि चुनावी तैयारियां तो आयोग के मुताबिक चल रही हैं, लेकिन जब सभी प्रत्याशियों को प्रचार के लिए बराबर और मतदाताओं को भयमुक्त माहौल देने की बात आती है तो जिला प्रशासन और पुलिस से सहयोग नहीं मिल रहा। चुनाव अफसरों और लोगों में भय का माहौल है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा, 'पश्चिम बंगाल में कुछ दिनों पहले हुई घटनाएं, खास तौर पर पिछले 24 घंटों में जो भी हुआ, राजनीतिक पार्टियों की तरफ से मिली शिकायत, पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग के डीईसी की रिपोर्ट और स्पेशल ऑब्जर्वर अजय नायक (रिटायर्ड आईएएस) और विवेक दूबे की जॉइंट रिपोर्ट के आधार पर स्वतंत्र, मुक्त, पारदर्शी, हिंसा रहित और आदर्श चुनाव कराने के लिए कोई भी व्यक्ति या समूह पब्लिक मीटिंग नहीं कर सकता, इसके अलावा किसी भी अन्य ढंग से गुरुवार रात 10 बजे के बाद चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकता है। चुनाव प्रचार सिर्फ 16-05-2019 रात 10 बजे तक ही किया जा सकता है। यह आदेश पश्चिम बंगाल की 9 लोकसभा सीटों के लिए लागू होगा। इन सीटों पर 19 मई को मतदान होना है।'
चुनाव आयोग ने कहा, 'शायह यह पहला मौका है, जब चुनाव आयोग ने आर्टिकल 324 का प्रयोग किया है, लेकिन कानून व्यवस्था का फिर से पालन न होने पर, हिंसा होने पर और चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन होने पर यह कदम फिर से उठाया जा सकता है।'
Election Commission: This is probably the first time that ECI has invoked Article 324 in this manner but it may not be last in cases of repetition of lawlessness and violence which vitiate the conduct of polls in a peaceful manner. pic.twitter.com/j8oG4cwP6V
— ANI (@ANI) May 15, 2019
चुनाव आयोग के फैसले के बाद ममता बनर्जी भड़क गईं। उन्होंने प्रेस वार्ता में आरोप लगाया कि आयोग पीएम मोदी-शाह के इशारे पर काम कर रहा है। अन्याय अमित शाह ने किया और सजा हमें मिली है। प्रचार का समय घटाने का फैसला चुनाव आयोग का नहीं बल्कि मोदी का है। मोदी ने मूर्ति तोड़ने की निंदा भी नहीं की।
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee in Kolkata: Amit Shah created violence through his meeting, Ishwar Chandra Vidyasagar statue was vandalized but Modi did not feel sorry for that today. People of Bengal have taken this seriously, action should be taken against Amit Shah. pic.twitter.com/TeCvZReSpT
— ANI (@ANI) May 15, 2019
ममता ने कहा- आज अमित शाह ने प्रेस कांफ्रेंस की, चुनाव आयोग को धमकाया, क्या ये उसका नतीजा है? बंगाल भयभीत नहीं है। बंगाल को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि मैं मोदी के खिलाफ बोल रही हूं। ममता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है। ये अप्रत्याशित फैसला है।
West Bengal CM, Mamata Banerjee: Amit Shah today did a press conference, threatened EC, is this the result of that? Bengal is not scared. Bengal was targeted because I am speaking against Modi. pic.twitter.com/xq2QCNrxgp
— ANI (@ANI) May 15, 2019
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता अहमद पटेल और माकपा नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि अगर हिंसा को देखते हुए प्रचार रोकने की नौबत आ गई तो आयोग गुरुवार तक इंतजार क्यों कर रहा है? क्या इसलिए, क्योंकि गुरुवार शाम को वहां प्रधानमंत्री मोदी की दो रैलियां हैं? बता दें कि गुरुवार को मोदी की दमदम और लक्ष्मीकांतपुर में रैलियां हैं। दमदम की रैली शाम साढ़े चार बजे शुरू होगी।

आर्टिकल 324 के तहत चुनाव आयोग ऐसे किसी भी मामले में दखल दे सकता है, जिनमें किसी प्रकार की गड़बड़ी या अस्पष्टता लग रही हो। इस अनुच्छेद के तहत चुनाव आयोग को स्वतंत्र और निर्विवाद चुनाव कराने के लिए कुछ शक्तियां दी गई हैं। इसके तहत वह प्रशासन के अधिकारियों की तैनाती या छुट्टी, प्रचार के समय की अवधि तय करने, प्रचार के नियमन समेत कई महत्वपूर्ण फैसले ले सकता है।
चुनाव आयोग ने कहा कि सीआईडी के एडीजी राजीव कुमार को गृह मंत्रालय से संबद्ध किया जाता है। उन्हें कल (16-05-2019) सुबह 10 बजे तक गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करना है। इसके अलावा प्रमुख सचिव गृह और स्वास्थ्य को उनके वर्तमान पदभार से तत्काल प्रभाव से मुक्त किया जाता है। चुनाव आयोग ने बताया इन अधिकारियों ने पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी को आदेश देकर चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया है। मुख्य सचिव होम डिपार्टमेंट का काम देखेंगे।
बता दें कि 19 मई को पश्चिम बंगाल की 9 सीटों पर चुनाव होना है, ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं। मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के रोड शो के दौरान खूब हंगामा हुआ। इस दौरान वहां के कॉलेज में ईसी विद्याासागर की मूर्ति भी क्षतिग्रस्त की गई। बीजेपी और टीएमसी इस हिंसा के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं।
कोलकाता की हिंसक घटनाओं के आरोप में पुलिस ने अमित शाह और बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज कीं। 58 लोगों को गिरफ्तार किया। इससे पहले शाह ने कहा कि- 'टीएमसी के गुंडों ने मुझ पर तीन हमले किए। सीआरपीएफ न होती तो मेरी जान नहीं बचती। विद्यासागर की मूर्ति भी टीएमसी के गुंडों ने ही तोड़ी है। जवाब में टीएमसी के डेरेक ओ'ब्रायन ने कहा कि- 'बीजेपी के गुंडो ने विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी। इसके 40 वीडियो मौजूद हैं। सभी चुनाव आयोग को सौंप दिए गए हैं। देखते हैं आयोग क्या कार्रवाई करेगा।'
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह के रोडशो के दौरान मंगलवार को जमकर हंगामा हुआ था। रोडशो के दौरान पत्थरबाजी भी हुई, जिसमें बीजेपी के कई समर्थकों के अलावा पत्रकारों को भी चोटें आईं। जगह-जगह पुलिस और बीजेपी समर्थकों में झड़प भी हुई, जिसके चलते पुलिस ने लाठीचार्ज भी करना पड़ा।