बीजेपी ने लोकसभा में बुधवार को गोडसे से संबंधित विवादित बयान को लेकर मध्य प्रदेश के भोपाल से पार्टी सांसद और मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पर कड़ी कार्रवाई करने के संकेत देते हुए हुए उन्हें रक्षा मामलों की परामर्श समिति से हटाया दिया है। इसके साथ ही अब वह संसद सत्र के दौरान होने वाली बीजेपी संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि बीजेपी, लोकसभा सांसद प्रज्ञा ठाकुर की टिप्पणी की निंदा करती है, पार्टी ऐसे बयानों का कभी समर्थन नहीं करती।
रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी हाइकमान विवादित बयान को लेकर भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर से बेहद खफा था। गुरुवार सुबह संसद में हुई बीजेपी की संसदीय दल की बैठक में प्रज्ञा पर कड़ा ऐक्शन लेकर साफ संदेश दे दिया गया। बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की कमिटी से हटाने की सिफारिश की।
उन्होंने प्रज्ञा के बयान को अस्वीकार्य बताया और गहरी नाराजगी प्रकट की। नड्डा ने प्रज्ञा के बयान की निंदा करते हुए कहा, 'पार्टी कभी भी ऐसे बयानों का समर्थन नहीं कर सकती है।' उन्होंने कहा कि प्रज्ञा संसद सत्र के दौरान बीजेपी संसदीय दल की बैठक में हिस्सा नहीं ले सकेंगी।
बता दें, प्रज्ञा ठाकुर ने बुधवार को तब एक टिप्पणी कर विवाद खड़ा कर दिया जब द्रमुक सदस्य ए राजा अदालत के समक्ष नाथूराम गोडसे द्वारा दिये गए उस बयान को उद्धृत कर रहे थे कि उसने महात्मा गांधी को क्यों मारा. ठाकुर की टिप्पणी को लेकर विपक्षी सदस्यों द्वारा विरोध जताए जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि एसपीजी (संशोधन) विधेयक पर चर्चा के दौरान सिर्फ द्रमुक नेता का बयान ही रिकॉर्ड में जाएगा. लोकसभा सचिवालय ने बाद में एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि ठाकुर की टिप्पणी 'दर्ज नहीं की गई है.'
राजा ने कहा कि गोडसे ने स्वीकार किया था कि गांधी की हत्या का फैसला करने से पहले 32 सालों तक उसके मन में गांधी के प्रति द्वेष पनप रहा था. राजा ने कहा कि गोडसे ने गांधी को मारा क्योंकि वह एक खास विचारधारा में विश्वास रखता था. विपक्षी सदस्य जहां ठाकुर द्वारा टोकाटाकी के खिलाफ विरोध जता रहे थे वहीं भाजपा सदस्यों ने उनसे बैठ जाने का अनुरोध किया. इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सिर्फ ए राजा का बयान रिकॉर्ड में रखा जाएगा. बाद में विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के गौरव गोगोई ने भी ठाकुर की टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताते हुए मांग की कि उन्हें इसके लिये माफी मांगनी चाहिए.
बता दें कि लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने गोडसे को देशभक्त करार दिया था, जिसकी वजह से बड़ा राजनीतिक विवाद मचा था। बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांग ली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालांकि कहा था, 'गांधीजी या नाथूराम गोडसे के बारे में टिप्पणी बेहद खराब और समाज के लिए बेहद गलत थी... उन्होंने माफी मांग ली है लेकिन मैं उन्हें कभी भी मन से माफ नहीं कर पाऊंगा।'
विवादित नेता ने एक रोडशो में शामिल होने के दौरान कहा था, 'नाथूराम गोडसे एक देशभक्त थे, हैं और एक देशभक्त रहेंगे। जो लोग उन्हें आतंकवादी कहते हैं उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।'