जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक कर करारा जवाब दिया था। सिर्फ इतना ही नहीं, भारत ने समुद्र में भी पाकिस्तान को इस हमले का करारा जवाब देने की बड़ी तैयारी कर ली थी। पुलवामा हमले के बाद भारत ने नौसेना को अभ्यास से हटाकर पाकिस्तानी जल सीमा के नजदीक बेड़े की तैनाती की थी, जिसमें परमाणु और पारंपरिक पनडुब्बियां भी शामिल थीं।
समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, भारतीय नौसेना की ओर से सबमरीन्स की तैनाती और आक्रामक तेवर को देखते हुए पाकिस्तान को यह लग रहा था कि भारत की ओर से किसी भी वक्त नौसेना को बदले की कार्रवाई का आदेश दिया जा सकता है। आपको बता दें कि 14 फरवरी को पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे।
भारत लगातार पाकिस्तानी सेना पर नजर रखे हुए था लेकिन बालाकोट की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की सबसे अडवांस मानी जाने वाली अगोस्टा क्लास सबमरीन्स- पीएनएस साद, उसके जल क्षेत्र से गायब हो गई थी। लंबे समय तक पानी के भीतर रहने की क्षमता वाली इस सबमरीन के गायब होने के बाद भारतीय नेवी को चिंता हुई थी।
एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि पीएनएस साद कराची के पास से गायब हुई थी और यह तीन दिन में गुजरात तट और पांच दिन के मुंबई में पश्चिमी कमान के मुख्यालय पहुंच सकती थी, जो देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे का संकेत था। नौसेना ने विशेष युद्धपोत और विमानों को तैनात कर पाकिस्तानी पनडुब्बी की खोज में गहन अभियान चलाया।
गुजरात, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों के तटीय इलाकों में नौसेना के पी-8 विमान लगातार इसकी टोह लेते रहे। नौसेना के स्पष्ट निर्देश थे कि अगर पीएनएस साद भारतीय जल सीमा में प्रवेश करती है तो इसे सतह पर लाने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। 21 दिनों के गहन अभियान के बाद भारतीय नौसेना को गायब पनडुब्बी पीएनएस साद की लोकेशन पश्चिमी पाकिस्तान में मिली।
भारतीय कार्रवाई के डर से पाक नौसेना ने अगोस्ता वर्ग की पनडुब्बी पीएनएस साद को छिपने के लिए पश्चिमी पाकिस्तान में भेजा था, ताकि बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद अगर समुद्र से हमला होता है तो इसकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सूत्रों के मुताबिक, बालाकोट के बाद भारतीय नौसेना ने खासतौर पर पाकिस्तानी जल सीमा समेत पूरे अरब सागर पर नजर रखी हुई थी और वह पाक नौसेना की गतिविधियों से पूरी तरह अवगत थी।
बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद बढ़े तनाव के बीच, भारतीय नौसेना ने आईएनएस विक्रमादित्य समेत 60 से ज्यादा युद्धपोत उत्तरी अरब सागर में तैनात किए थे। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने तब कहा था कि तीनों आयामों में भारतीय नौसेना की श्रेष्ठता के कारण पाकिस्तान नेवी मकरान तट तक ही सीमित रही और खुले सागर में आने की हिम्मत नहीं की।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।