
लोकसभा चुनाव 2019 के लिए होने वाले मतदान का अंतिम चरण अभी बाकी है, और कांग्रेस ने नतीजे आने के बाद बहुमत न मिलने की स्थिति में गठबंधन का हिस्सा बनने के संकेत देने शुरू कर दिए हैं। सिर्फ इतना ही नहीं कांग्रेस का कहना है कि यदि उसे गठबंधन में पीएम का पद नहीं मिलता है, तब भी उसे कोई समस्या नहीं होगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पार्टी का एकमात्र उद्देश्य एनडीए को केंद्र में एक बार फिर से सरकार गठन से रोकना है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आजाद ने कहा, 'हम पहले ही अपना स्टैंड क्लियर कर चुके हैं। यदि कांग्रेस के पक्ष में सहमति बनती है तो हम नेतृत्व स्वीकार करेंगे। लेकिन, हमारा लक्ष्य हमेशा यह रहा है कि एनडीए की सरकार सत्ता में वापस नहीं लौटनी चाहिए। हम सर्वसम्मति से लिए गए फैसले के साथ जाएंगे।'
Ghulam Nabi Azad, Congress in Patna, Bihar: We are not going to make an issue that we (Congress) will not let anyone else become the PM, if it is not offered to us (Congress)." (15.05.2019) https://t.co/UCYr3EYfU9
— ANI (@ANI) May 15, 2019
कांग्रेस लीडर का यह कहना इस बात का संकेत है कि पार्टी आम चुनाव के नतीजों को लेकर बहुत उत्साहित नहीं दिख रही है और बीजेपी को रोकने की कीमत पर गठबंधन में बड़े त्याग के लिए भी तैयार है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'जब तक हमें पीएम का पद ऑफर नहीं किया जाता है, हम इस बारे में कुछ नहीं कहेंगे और किसी के भी जिम्मेदारी संभालने पर ऐतराज नहीं होगा।' बता दें कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा था कि यदि उसे आम चुनाव में जीत का भरोसा है तो पीएम पद के अपने उम्मीदवार का ऐलान करे।
गौरतलब है कि पिछले दिनों कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा था कि उनकी पार्टी को बहुमत मिलने का चांस नहीं है। एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता ने कहा था कि कांग्रेस को अपने दम पर बहुमत मिलने का चांस नहीं है, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन की सरकार बन सकती है। यही नहीं कपिल सिब्बल ने कहा कि यदि कांग्रेस को आम चुनाव में 272 सीटें मिलती हैं तो फिर राहुल गांधी को पीएम पद के लिए नामित करना चाहिए।