फट्टोमल पंजाबी
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51 वर्षीय संजय गुलाटी के मुंबई में निधन के एक दिन बाद, घोटाले से प्रभावित पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक के एक अन्य खाताधारक की मंगलवार, 15 अक्टूबर को मृत्यु हो गई। पीएमसी बैंक में जारी संकट के बीच 59 वर्षीय फट्टोमल पंजाबी की मौत दिल का दौरा पड़ने से 12:30 बजे हुई।

मुलुंड निवासी फट्टोमल पंजाबी संकट से जूझ रहे पीएमसी बैंक के खाताधारक थे। मुलुंड कॉलोनी में रहने वाले कम से कम 95 प्रतिशत लोगों के खाते संकटग्रस्त पीएमसी बैंक में हैं।

मुंबई के एक अदालत के बाहर बैंक के परेशान उपभोक्ताओं द्वारा आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के बाद सोमवार को दिल का दौरा पड़ने से 51 वर्षीय संजय गुलाटी की मृत्यु के एक दिन बाद यह घटना हुई है। गुलाटी के पास पीएमसी बैक की ओशिवारा शाखा में 90 लाख रुपये से अधिक जमा थे।

सोमवार की सुबह, मुंबई के ओशिवारा में टपोरेवाला गार्डन निवासी गुलाटी एक विरोध मार्च के लिए गए थे। 51 वर्षीय गुलाटी अपनी जमा राशि पीएमसी बैंक में अटकी होने के चलते भारी तनाव में थे।

पीएमसी बैंक संकट के बाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया है कि वह केंद्र के साथ मिलकर पीएमसी बैंक को संकट को उबारेंगे।

महाराष्ट्र के सीएम ने कहा, "हम केंद्र से अनुरोध करेंगे कि जमाकर्ताओं को उनके पैसे वापस दिलाने में मदद करें। मैं व्यक्तिगत रूप से इस पर काम करूंगा।"

पीएमसी बैंक देश के टॉप-10 को-ऑपरेटिव बैंकों में से एक है और इसकी 137 शाखाएं हैं। आरोप के मुताबिक पीएमसी बैंक के मैनेजमेंट ने अपने नॉन परफॉर्मिंग एसेट और लोन वितरण के बारे में आरबीआई को गलत जानकारी दी है, जिसके बाद आरबीआई ने बैंक पर कई तरह की पाबंदी लगा दी।

पीएमसी बैंक के डूबने की खबरें फैलते ही लोग पैसे निकालने के लिए बैंक में उमड़ पड़े थे, जिससे काफी अफरा-तफरी मच गई थी। पंजाब एंड महाराष्ट्र को ऑपरेटिव बैंक में ग्राहकों का 11500 करोड़ रुपया जमा हैं, बैंक के ब्रांच पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली और गोवा में भी हैं।

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IANS

बीते 24 सितंबर को भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटिस जारी कर बैंक पर छह महीनों के लिए लेनदेन समेत कई तरह का प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके मुताबिक न तो बैंक कोई नया लोन जारी कर सकता है और न ही इसका कोई ग्राहक 25,000 रुपये से अधिक की निकासी कर सकता था। इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुई हैं और प्रवर्तन निदेशालय हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से संबंधित अन्य कंपनियों के बारे में जांच कर रहा है।

रिजर्व बैंक ने तीन अक्टूबर को पीएमसी बैंक के ग्राहकों के लिए कैश निकालने की सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दी थी, लेकिन बाद में इसमें फिर तब्दीली की गई और विथड्रॉल रकम की सीमा बढ़ाकर 40 हजार कर दिया गया। इससे वर्तमान में पीएमसी बैंक के ग्राहक अपने खाते से 40,000 रुपये तक निकाल सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक डिपॉजिटर्स के हित और बैंक का रिवाइवल पहली प्राथमिकता है।

कैश विदड्रॉल की लिमिट तय करने का कारण मैनेजमेंट को बैंक की कैश होल्डिंग्स को बाहर निकालने से रोकना है। आरबीआई के मौजूदा और पूर्व एंप्लॉयीज की दो कोऑपरेटिव सोसायटीज के पीएमसी बैंक के पास लगभग 200 करोड़ रुपये जमा हैं। बैंक के डिपॉजिटर्स कैश विथड्रॉल की लिमिट बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। बैंक में फ्रॉड के विरोध में और विथड्रॉल लिमिट बढ़ाने की मांग को लेकर डिपॉजिटर्स ने प्रदर्शन भी किए हैं।

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