भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने मंगलवार, 28 जनवरी को साफ कर दिया कि उसे पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के एशिया कप की मेजबानी करने से कोई आपत्ति नहीं है लेकिन भारतीय टीम टूर्नमेंट के लिए पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगी।
बीसीसीआई ने कहा है कि एशिया कप का स्तर तटस्थ होना चाहिए, क्योंकि उसके लिए इस समय पाकिस्तान जाना विकल्प ही नहीं है। इसी साल एशिया कप खेला जाना है, जो इसी साल ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप की तैयारियों के लिहाज से अहम माना जा रहा है।
बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि मेजबानी का कोई मुद्दा नहीं है और यह सिर्फ तटस्थ स्थल पर खेलने की बात है, क्योंकि भारतीय टीम पाकिस्तान का दौरा नहीं करेगी।
अधिकारी ने कहा, 'सवाल यह नहीं है कि पीसीबी मेजबानी कर रहा है। यह टूर्नमेंट के स्थल की बात है। अभी इस समय जैसी चीजें हैं, यह साफ है कि हमें तटस्थ स्थल चाहिए होंगे। ऐसी कोई संभावना नहीं है कि भारत मल्टी नेशन टूर्नमेंट में हिस्सा लेने भी पाकिस्तान जाए। अगर एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) इस बात से खुश है कि एशिया कप बिना भारत के हो तो यह अलग बात है। लेकिन अगर भारत को एशिया कप का हिस्सा होना है तो यह जरूरी है कि टूर्नमेंट पाकिस्तान में न हो।'
2018 में एशिया कप भारत में होना था, लेकिन पाकिस्तानी खिलाड़ियों को लेकर वीजा की समस्या हुई थी और इसी कारण एशिया कप संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में कराया गया था और इसकी मेजबानी बीसीसीआई ने की थी। अधिकारी ने कहा कि पीसीबी भी यही कर सकती है।
उन्होंने कहा, 'तटस्थ स्थल हमेशा से विकल्प रहते हैं। बीसीसीआई ने 2018 में यह किया था।'
पाकिस्तान में 2009 में श्रीलंका क्रिकेट टीम की बस पर आतंकवादियों में हमला कर दिया था तब से पाकिस्तान में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं हुआ था, लेकिन हाल ही में श्रीलंका ने पाकिस्तान का दौरा किया और अभी इस समय बांग्लादेश भी दौरे पर है।
हालांकि भारत और पाकिस्तान का मुद्दा इससे भी ज्यादा है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों के कारण यह स्थिति है कि भारत किसी भी सूरत में मौजूद हाल में पाकिस्तान का दौर नहीं कर सकता।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.