पाकिस्तान ने एक चौंकाने वाला कदम उठाते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से अनुरोध किया कि वैश्विक आतंकी और जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद के 'परिवार और उसके निजी मासिक खर्चे' के लिए उसे बैंक खाते को इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाए।
पाकिस्तान ने 15 अगस्त को यूएनएससी में एक पत्र दायर कर समिति से अपील की थी कि आतंकी हाफिज सईद, हाजी मुहम्मद अशरफ और जफर इकबाल को अपने खर्चों के लिए उनके बैंक खातों को प्रयोग करने की अनुमति दी जाए।
पत्र में बताया गया है कि 15 अगस्त 2019 तक आपत्ति दर्ज कराने की समयसीमा तय की गई थी। अब पाक के अनुरोध को मंजूर किया जाता है।
यूएन के पत्र में पाकिस्तान सरकार को जानकारी दी गई है कि हाफिज सईद (ODi.263), हाजी मोहम्मद अशरफ (ODi.265) और जफर इकबाल (ODi.308) को उनके सामान्य खर्चों के लिए बैंक खातों का इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है।
पाकिस्तान के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पैनल ने कहा कि पाकिस्तान ने यूएनएससी प्रस्ताव 1267 का अनुपालन करते हुए आतंकी हाफिज सईद के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए थे। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से अनुरोध किया था कि हाफिज सईद को अपने और अपने परिवार के लिए आवश्यक बुनियादी जीवन खर्च के लिए 1.5 लाख पाकिस्तानी रुपये (लगभग 1,000 डॉलर) प्रयोग करने के लिए बैंक खातों का प्रयोग करने दिया जाए।
आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 कमिटी को भेजे पत्र में पाकिस्तान ने दलील दी थी कि हाफिज सईद के परिवार में चार सदस्य हैं और उस पर ही परिवार की जिम्मेदारी है। उसे अपने परिवार के लोगों के खाने-पीने, कपड़े आदि का प्रबंध करना पड़ता है इसलिए उसे बैंक खाता इस्तेमाल करने की स्वीकृति दी जाए।
पाक सरकार ने यूएन कमिटी को बताया था, 'उसका (हाफिज सईद) अकाउंट यूएनएससी रेजॉलूशन 1267 के तहत पाकिस्तान सरकार ने ब्लॉक कर दिया था। अकाउंट में 11.50 लाख रुपये हैं।' यह खबर ऐसे समय में आई है जब पाकिस्तान दुनिया के सामने दावा कर रहा है कि वह आतंकियों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है।
हाफिज सईद को पाकिस्तान में जुलाई महीने में आतंकी फंडिंग के मामले गिरफ्तार किया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित किए गए वैश्विक आतंकी सईद को फिलहाल कड़ी सुरक्षा के बीच लाहौर के कोट लखपत जेल में रखा गया है। आतंकी हाफिज सईद मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों का मास्टर माइंड है और उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित किया जा चुका है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।