केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किए जाने के बाद हिरासत में लिए गए कश्मीरी नेताओं को 18 महीने से ज्यादा हिरासत में नहीं रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अवधि उस समय से कम है जब इमरजेंसी के दौरान अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरे नेताओं को जेल में रखा गया था।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि नेताओं को गिरफ्तार नहीं किया गया है। वे लोग हाउस गेस्ट हैं और उन्हें उनकी पसंद की हॉलिवुड सिनेमा की सीडी और भोजन दिया जा रहा है।
सिंह ने एक रैली में कहा, 'हमने उन्हें कोडाइकनाल नहीं भेजा, जहां जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री शेख अब्दुल्ला को भेजा गया था। नेताओं को वीआईपी बंगलों में रखा गया है। हम उन्हें खाने के लिए ब्राउन ब्रेड और मनोरंजन के लिए हॉलिवुड सिनेमा की सीडी दे रहे हैं। जिम की सुविधा भी दे रहे हैं। वे लोग नजरबंद नहीं किए गए हैं। वे लोग हाउस गेस्ट हैं।'
Union Minister Dr.Jitendra Singh: We did not send them to Kodaikanal where Sheikh Abdullah (former J&K CM) was sent. They are being given brown bread, cassettes of Hollywood movies and have gym facilities. I say, they are not under house arrest but they are house guests. 2/2 https://t.co/gH1rGzPRFo
— ANI (@ANI) 22 September 2019
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं को 18 महीने से ज्यादा वक्त के लिए हिरासत में नहीं रखा जाएगा।
संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को पांच अगस्त को निरस्त किए जाने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों- लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बांटे जाने के बाद कई नेताओं, अलगाववादियों, कार्यकर्ताओं और वकीलों को हिरासत में लिया गया है। उस वक्त से हिरासत में लिए गए लोगों में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।
केन्द्रीय मंत्री सिंह ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी कब्जे वाला कश्मीर (पीओके) भारत का है और केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर की सीमा को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, 'संसद इस संबंध में 1999 में प्रस्ताव पारित कर चुकी है।'
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।