दाती महाराज
दाती महाराजएएनआई

अपनी ही एक शिष्या द्वारा बलात्कार का आरोप लगाए जाने के बाद, स्वघोषित धर्मगुरु दाती महाराज ने जांच में पूर्ण सहयोग करने का वायदा किया है.

उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ''मैं उस लड़की पर कोई आरोप नहीं लगाऊंगा क्योंकि वह मेरी बेटी है और रहेगी. यहां तक कि अगर मुझे फांसी भी दे दी जाए, तो भी मैं उसपर कोई आरोप नहीं लगाउंगा. अगर मैंने कुछ भी गलत किया है तो कानूनी संस्थाएं उसे देखेंगी. मैं जांच में पूरा सहयोग करूंगा.''

दिल्ली पुलिस की अपराधा शाखा ने बुधवार को, पीड़िता के बयान दर्ज किये और स्वघोषित धर्मगुरु के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की प्रक्रिया शुरू की. उन्हें देश छोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी हालांकि वे पुलिस द्वारा अदालत के समक्ष मामला दर्ज करने तक देश के भीतर कहीं भी यात्रा करने को स्वतंत्र हैं.

दाती महाराज पर दो वर्ष पूर्व दिल्ली स्थित अपने आश्रम, शनि धाम में एक शिष्या के साथ बलात्कार करने का आरोप है. महिला ने रविवार को फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया जिसे अब जिला जांच इकाई (डीआईयू) को स्थानांतरित कर दिया गया है. धर्मगुरु के ऊपर आईपीसी की धारा 376, 377, 354 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

महिला का कहना है कि उसने इससे पहले शिकायत इसलिये नहीं दर्ज करवाई थी क्योंकि वह इस स्वघोषित धर्म गुरू के प्रभाव से डरी हुई थी. उसने यह भी कहा कि उसके साथ राजस्थान बाल ग्राम के गुरुकुल आश्वासन में कई बार बलात्कार किया गया.

दिल्ली महिला आयोग ने महिला और उसके परिवार की जान के खतरे के मद्देनजर महिला के लिये सुरक्षा की मांग उठाई है.

दाती महाराज दिल्ली स्थित श्री शनिधाम ट्रस्ट के संस्थापक हैं.

दाती महाराज पिछले कुछ वर्षों में बलात्कार के आरोप लगाये जाने वाले स्वघोषित धर्म गुरुओं में से एक हैं. बीते वर्ष अगस्त के महीने में धर्मगुरु राम रहीम को 2002 में दो महिलाओं के साथ बलात्कार का दोषी पाए जाने के बाद एक विशेष सीबीआइ अदालत ने 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी. उनको सजा सुनाए जाने के बाद पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में बड़े पैमाने पर हिंसा की घटनाएं हुई थीं.