Corona

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के पिछले 24 घंटों में 1396 नये मामले सामने आये हैं, इसके साथ ही संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 27,892 हो गयी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि संक्रमित मरीजों में स्वस्थ होने वालों की संख्या 6,184 हो गयी है। यह कुल संक्रमित मरीजों की संख्या का 22.17 प्रतिशत है। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना संक्रमण से देश में अब तक 872 लोगों की मौत हो चुकी है।

अग्रवाल ने संक्रमण को रोकने के उपायों के असर की जानकारी देते हुये बताया कि देश के 16 जिले ऐसे हैं, जिनमें पिछले 28 दिनों से संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल के बाद इसस फेहरिस्त में तीन जिले- महाराष्ट्र का गोंदिया, कर्नाटक का दावनगिरि और बिहार का लखीसराय जिला- जुड़े हैं। वहीं, दो जिले (उत्तर प्रदेश में पीलीभीत और पंजाब में एसबीएस), में संक्रमण के नये मामले मिलने के कारण वे इस सूची से हट गये हैं। अग्रवाल ने बताया कि 25 राज्यों के 85 जिलों में पिछले 14 दिनों से कोविड-19 का एक भी मरीज नहीं मिला है।

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उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के अभियान में लगे स्वास्थ्य कर्मियों और संक्रमित मरीजों के साथ भेदभाव पूर्ण रवैया अपनाये जाने की घटनाओं पर मंत्रालय ने चिंता जतायी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोरोना वायरस का संक्रमण किसी के लिये कलंक नहीं है, हमारी लड़ाई बीमारी के खिलाफ है, बीमारों के खिलाफ नहीं।

अग्रवाल ने मंत्रालय की ओर से देशवासियों से अपील करते हुये कहा, ''किसी भी समुदाय या क्षेत्र को कोविड-19 का संक्रमण फैलने के लिए दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए, स्वास्थ्य कर्मियों और सफाई कर्मियों को निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए।''

संवाददाता सम्मेलन में गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने लॉकडाउन के नियमों में पिछले दिनों छूट दिये जाने के बाद ग्रामीण एवं उपनगरीय इलाकों में आर्थिक गतिविधियां बढ़ने की जानकारी देते हुये बताया कि ग्रामीण इलाकों में 26 अप्रैल तक गेहूं की 80 प्रतिशत कटाई हो चुकी है। साथ ही मनरेगा योजना के तहत दो करोड़ से अधिक श्रमिकों को काम मिलने लगा है।

इस दौरान देश में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा गठित कार्यसमूह के अध्यक्ष परमेश्वरन अय्यर ने बताया कि सड़क, रेल और जल मार्गों से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की व्यवस्था बहाल हो गयी है।

साथ ही 1.5 करोड़ जरूरतमंद लोगों को सामाजिक संगठनों की मदद से भोजन भी मुहैया कराया जा रहा है।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.