दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को नेशनल हेराल्ड हाउस मामले में कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए आदेश दिया है कि कांग्रेस को 56 साल पुराने नेशनल हेराल्ड हाउस खाली करना होगा. इसके लिए हाईकोर्ट ने 2 हफ्ते का समय निर्धारित किया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि अगर तय समयसीमा के अंदर उसे खाली नहीं किया जाता है तो कार्रवाई की जाएगी. वहीं हाईकोर्ट ने एलएनडीओ के लीज रद्द करने के फैसले को रद्द करने से भी इनकार कर दिया है.
Delhi High Court grants two-weeks time to vacate Herald House https://t.co/L6cvsAYUbq
— ANI (@ANI) December 21, 2018
नेशनल हेराल्ड हाउस को खाली कराने से जुड़ी याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट शुक्रवार को सुनवाई हुई. जस्टिस सुनील गौर की पीठ ने सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया है. दरअसल, एजेएल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नेशनल हाउस हाउस की लीज रद्द करने के फैसले को चुनौती दी थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद 22 नवंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इससे पहले केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए तुषार मेहता ने कहा था कि इंडियन एक्सप्रेस बिल्डिंग से जुड़ा आदेश इस मामले में गलत तरीके से कोड किया गया है. पब्लिक प्रॉपर्टी को जिस वजह से दिया गया, वो हेराल्ड हाउस में कई बरसों से किया ही नहीं गया. ये कहना पूरी तरफ आए गलत है कि नेहरू की विरासत को खत्म करने की कोशिश है. लीज रद्द करने से पहले कई बार नोटिस दिया गया.
हाईकोर्ट कोर्ट ने कहा था कि जब अभी हेराल्ड हाउस से अखबार चला रहे हैं तो क्या अभी भी बिल्डिंग वापस ली जा सकती है? तुषार मेहता ने कहा था कि उन्होंने अखबार जब शूरू किया तब हमने कारवाई करने का और लीज रद्द करने का फैसला कर लिया. आपको बता दें कि एजेएल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि दो अधिकारी नेशनल हेराल्ड हाउस के परिसर में दाखिल हुए थे, जो कि नहीं होना चाहिए था. उन्होंने अदालत के सामने फोटोग्राफ भी पेश किए.
सिंघवी ने कहा था कि सभी प्रिंट और प्रेस का काम परिसर से हो, ऐसा जरूरी नहीं है. एक नई प्रिंटिंग प्रेस लगाई जा चुकी है. एजेएल अब भी परिसर का मालिक है और यंग इंडिया सिर्फ कंपनी में 98 फीसद की शेयरधारक थी.
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पटियाला हाउस कोर्ट में नेशनल हेराल्ड मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायत में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, सोनिया गांधी और अन्य पर आरोप लगाया था कि उन्होंने साजिश के तहत महज 50 लाख रुपये का भुगतान कर धोखाधड़ी की. जिसके जरिये यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वह रकम वसूलने का अधिकार हासिल कर लिया, जिसे एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड को कांग्रेस को देना था.
इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडिया कंपनी आरोपी हैं. फिलहाल सभी आरोपी जमानत पर हैं. इस मामले में शिकायतकर्ता के बयान दर्ज हो चुके हैं.