16 जनवरी, 2013 को नई दिल्ली में एक पेट्रोल पंप के डिस्प्ले पर पेट्रोल का प्रति लीटर अपडेट मूल्य देखा जा सकता है. (सांकेतिक तस्वीर)
16 जनवरी, 2013 को नई दिल्ली में एक पेट्रोल पंप के डिस्प्ले पर पेट्रोल का प्रति लीटर अपडेट मूल्य देखा जा सकता है. (सांकेतिक तस्वीर)प्रकाश सिंह/एएफपी/गेटी इमेजेस

बुधवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में की गई एक पैसे की कटौती के बाद कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए इसे जनता के साथ ''बेहद क्रूर मजाक करना'' बताया.

कांग्रेस प्रवक्ता आरपीएन सिंह ने कहा, ''बीते चार सालों में अगर ईंधन की कीमतों की बात की जाए तो हमने 10 लाख करोड़ की लूट देखी है. आज, कीमतों में एक पैसे की कमी की गई है. यह एक क्रूर मजाक है.'' उन्होंने आगे कहा कि यह ''कमी'' तेल की कीमतों में लगातार 16 दिनों की वृद्धि के बाद हुई है.

उन्होंने आगे कहा, ''वे कर्नाटक में विधायकों को खरीदने के लिये 100 करोड़ रुपये देने को तैयार हैं. प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) चार सालों में विज्ञापनों पर 4,600 करोड़ रुपये खर्च सकते हैं और तेल के दामों में कमी सिर्फ एक पैसे की करते हैं.''

बुधवार को पेट्रोल और डीजल के दामों में एक पैसे की कमी की गई जबकि इंडियन आॅयल काॅर्पोरेशन (आईओसी) की वेबसाइट ने पहले करीब 50-60 पैसे प्रति लीटर कटौती की सूचना दी थी.

सिंह ने कहा, ''सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर उत्पाद शुल्क क्रमशः 400 प्रतिशत और 200 प्रतिशत बढ़ाया है. सरकार ने बीते चार सालों में 10 लाख करोड़ रुपये कमाए हैं. आखिर सरकार उस पैसे का हिसाब जनता को क्यों नहीं देती है.''

उन्होंने आगे कहा, ''प्रधानमंत्री घूमने में व्यस्त हैं जबकि जनता घाटा सह रही है. हम सरकार को बताना वाहते हैं, जैसे हमारे पार्टी अध्यक्ष (राहुल गांधी) भी कह चुके हैं, जब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम नहीं हो जातीं हम सरकार के खिलाफ लड़ते रहेंगे.''

उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के दायरे में लाना सरकार की जिम्मेदारी था.

कांग्रेस ने पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमतों के खिलाफ राज्य और जिला स्तर पर राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू किया है. इसके अलावा भारतीय यूथ कांग्रेस ने भी बुधवार को ''भारत बचाओ जन आंदोलन'' प्रारंभ किया.''