आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के 6 में से चार राज्यसभा सांसद गुरुवार, 20 जून की शाम बीजेपी में शामिल हो गए। इन सासंदों में वायएस चौधरी, सीएम रमेश, टीजी वेंकटेश और जीएम राव शामिल हैं। टीडीपी के इन चार राज्यसभा सांसद बीजेपी में उस समय शामिल हुए हैं, जब टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू अपने परिवार के साथ विदेश में छुट्टियां मना रहे हैं।
इससे पहले उन्होंने टीडीपी के बीजेपी में विलय का प्रस्ताव पारित किया, जिस पर बीजेपी ने फौरन मुहर लगा दी। शाम में बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने टीडीपी के तीन राज्यसभा सांसदों को पार्टी में औपचारिक तौर पर शामिल कराया। एक राज्यसभा सांसद तबीयत खराब होने के कारण प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं हुए।
इससे पहले इन चारों ने राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू को चिट्टठी सौंपकर टीडीपी से अलग होने की जानकारी दी थी।
इन चारों सांसदों की ओर से कहा गया है कि प्रधानमंत्री की नीतियों से प्रभावित होकर उन्होंने टीडीपी को छेड़कर बीजेपी में शामिल होने का फैसला किया। बीजेपी मुख्यालय में कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में तीन सांसद शामिल हुए जबकि एक सांसद ने अपने पत्र भेजा।
TDP MPs of Rajya Sabha- YS Chowdary, CM Ramesh, TG Venkatesh, join BJP in presence of BJP Working President JP Nadda. TDP Rajya Sabha MP GM Rao to formally join later as he is unwell. pic.twitter.com/IU6ximVYtd
— ANI (@ANI) June 20, 2019
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि लंबे समय से इन सांसदों के मन में विचार आ रहा था कि पीएम मोदी के नेतृत्व में जिस तरह देश आगे जा रहा है और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए इन्हें बीजेपी में शामिल हो जाना चाहिए।
उन्होंने बताया, 'गुरुवार को इन सांसदों ने बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर कहा कि वे बीजेपी में विलय करना चाहते हैं। इसके बाद टीडीपी के सांसदों और बीजेपी का पत्र लेकर हम उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के पास पहुंचे। अब ये सभी बीजेपी के सदस्य हैं। इन चारों राज्यसभा सांसदों के आने से आंध्र प्रदेश में बीजेपी का जनाधार बढ़ेगा।'
इन चार सांसदों के आने से राज्यसभा में अब बीजेपी के 75 सांसद हो गए हैं, वहीं एनडीए के सांसदों की संख्या 107 पर पहुंच गई है। जानकारी के इन चारों सांसदों पर दलबदल कानून लागू नहीं होगा।
पार्टी के चार सांसदों के बीजेपी के जाने पर चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि संकट टीडीपी के लिए नया नहीं है। चंद्रबाबू नायडू ने बयान जारी कर कहा, ''हम केवल विशेष राज्य के दर्जे और राज्य के हितों के लिए बीजेपी के खिलाफ लड़े। विशेष राज्य के दर्जे के लिए हमने केंद्रीय मंत्री के पदों का त्याग किया। टीडीपी को कमजोर करने के बीजेपी के कदम की निंदा करते हैं। पार्टी के लिए संकट नया नहीं है। नेताओं और कार्यकर्ताओं को घबराने की जरूरत नहीं है।'' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चंद्रबाबू नायडू विदेश में परिवार के साछ छुट्टी मनाने गए हैं।
TDP President N Chandrababu Naidu: We fought with BJP only for Special Category Status & state's interests. We sacrificed Central Ministers for Special Status, condemn attempts of BJP to weaken TDP. Crisis is not new to the party. Leaders & cadre have nothing to be nervous about https://t.co/ekpeusRBHu
— ANI (@ANI) June 20, 2019
आपको बता दें कि बीजेपी के पास मौजूदा आंध्र प्रदेश में विधानसभा में कोई भी विधायक नहीं है, जबकि पिछली विधानसभा में भाजपा को पांच सीटें मिली थी। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा का टीडीपी के साथ गठबंधन था, जबकि इस बार हुए चुनाव में टीडीपी ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था। ऐसे में चंद्रबाबू नायडू के विदेश दौरे से लौटने के बाद आंध्र प्रदेश की राजनीति में बड़ी हलचल देखने को मिल सकती है।
जिन चार सांसदों ने बीजेपी का दामन थामा है, उनमें से एक नाम वाईएस चौधरी का है, जो मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। गुरुवार को बीजेपी जॉइन करने के बाद उन्होंने कहा, 'आप सभी को देश का मूड पता है, जो चुनाव में भी देखने को मिला है। मुझे पीएम मोदी की सरकार में काम करने का अवसर मिला है। आंध्र प्रदेश का काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में हम चाहते हैं कि आंध्र के साथ ही पूरा देश आगे बढ़े।'
गौरतलब है कि दलबदल विरोधी कानून के मुताबिक किसी दल से अलग हुए नए गुट को तभी मान्यता मिलेगी जबकि उसके दो तिहाई सदस्य इस गुट में शामिल हों। उधर, चार सदस्यों का समर्थन मिलने से उच्च सदन में बहुमत के संकट से जूझ रही बीजेपी को राहत मिलेगी।