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झारखंड के कोडरमा जिले के डेंगोडीह गांव में पंचायत के तुगलकी फरमान के बाद एक महिला के बाल काटकर उसे निर्वस्‍त्र घुमाया गया। पंचायत को महिला पर संदेह था कि उसके अपने भतीजे के साथ अवैध संबंध हैं। पुलिस ने इस मामले में 11 लोगों की पहचानकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

हैरानी की बात है कि पंचायत के इस फैसले से एक दिन पहले ही महिला ने पंचायत में शिकायत की थी कि उसका 22 साल का भतीजा पति की अनुपस्थिति में उससे जबरन संबंध बनाता है। पंचायत के इस फैसले से पीड़‍ित महिला सदमे में है। पीड़ित महिला चार बच्चों की मां बताई जा रही है।

जानकारी के अनुसार, महिलाओं की कथित पंचायत में पहले तो महिला को घर से पंचायत तक घसीट कर लाया गया और उसके बाद निर्वस्त्र कर उसके बाल काट दिए गए। इतना ही नहीं फिर उसे ऐसी अवस्था में सरेआम गांव में घुमाया गया. पीड़ित महिला ने थाने में आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है।

पीड़ित महिला की मानें तो पिछले 3 महीने से पति की गैरमौजूदगी में उसका भतीजा लगातार उसका शारीरिक शोषण कर रहा था। जब यह बात महिला ने लोगों को बताई तो उस पर ही सारा आरोप लगाकर पंचायत में उसे निर्वस्त्र कर उसके बाल काटकर उसे सजा दी गई। पंचायत के इस तुगलकी फरमान और सजा के बाद पीड़ित महिला और उसका पूरा परिवार सकते में है।

जिस दिन महिलाओं की पंचायत में पीड़िता को सजा सुनाई गई उसके एक दिन पहले ही उसका पति घर वापस आया था। उसे इस घटना के बारे में कुछ भी पता नहीं था। हालांकि जब उसकी पत्नी को महिलाओं की कथित पंचायत में घर से ले जाया जा रहा था तब उसने पत्नी को रोकने का प्रयास किया था, लेकिन तब उसकी किसी ने नहीं सुनी।

इस सिलसिले में कोडरमा के एसपी एम तमिल वंजन ने बताया, 'इस मामले में 11 लोगों की पहचान कर ली गई है। उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। केस की जांच की जा रही है।'

मामले के सुपर विजन के लिए एसडीपीओ को निर्देश दिए गए हैं। मरकच्चो प्रखंड के देवीपुर पंचायत देंगोडीह गांव में इस महिला के साथ हुए अमानवीय व्यवहार से पंचायत के मुखिया राजीव पांडे भी हैरान हैं।

मुखिया राजीव पांडे की मानें तो कुछ लोगों के इशारे पर ग्राम पंचायत से अलग महिलाओं ने एक पंचायत बुलाकर इस महिला को इस तरह की सजा सुनाई है। उन्होंने कहा कि यह कहीं से भी तर्कसंगत नहीं है। उन्होंने कहा कि सजा सुनाने के लिए न्यायालय है, इस तरह की पंचायत नहीं।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।