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पीएम नरेंद्र मोदी ने 14वें जी-20 सम्मेलन में शुक्रवार को अक्रामकता के साथ आतंकवाद का मुद्दा उठाया। पीएम ने अतंरराष्ट्रीय समुदाय से 'आतंकवाद को समर्थन करने वाले सभी माध्यमों पर रोक' लगाने की अपील की। पीएम मोदी ने आतंकवाद को दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए कहा, 'आतंकवाद न सिर्फ निर्दोष लोगों का हत्यारा है, यह नकारात्मक रूप से दुनिया की अर्थव्यवस्था और साम्प्रदायिक सौहार्द्र को भी प्रभावित करता है। हमें आतंकवाद को समर्थन करने वाले सभी माध्यमों पर रोक लगानी होगी।'

अपने दौरे के दूसरे दिन पीएम मोदी ने जी-20 समिट के इंटरवेंशन के अलावा कई बहुपक्षीय बातचीत में हिस्सा लिया। इन देशों में अमेरिका, दक्षिण कोरिया, सऊदी अरब और जर्मनी शामिल हैं। पीएम ने वियतनाम और वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपस के साथ भी मीटिंग की।

पीएम मोदी ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से भी मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत-सऊदी रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ऊर्जा, व्यापार, और आतंकविरोधी मोर्चों पर सहयोग बढ़ाने की बात कही।

पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अनौपचारिक 'RIC' मीटिंग भी की। आरआईसी मीटिंग के बाद विदेश सचिव गोखले ने बताया कि पीएम मोदी ने दोनों नेताओं से आतंकवाद पर ग्लोबल कॉन्फ्रेंस के आयोजन को लेकर समर्थन मांगा। गोखले ने बताया, 'पीएम ने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है। सभी को इसका विरोध करना चाहिए। उन्होंन बताया कि उन्होंने दुनिया के बहुत से बड़े नेताओं के सामने प्रस्ताव रखा है कि आतंकवाद जैसे मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस होनी चाहिए। पीएम ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि रूस और चीन इसका समर्थन करेंगे।'

पीएम मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और जापान के पीएम शिंजो आबे के साथ भी मीटिंग की। इस मीटिंग में व्यापार, रक्षा और 5जी नेटवर्क को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'आज जय त्रिपक्षीय बातचीत काफी सफल रही। हमने हिंद-प्रशांत महासागर, कनेक्टिविटी बेहतर करने और आधारभूत ढांचे के विकास पर चर्चा की। पीएम शिंजो आबे और राष्ट्रपति ट्रंप ने भी अपने विचार साझा किए।'

त्रिपक्षीय बातचीत के बाद मोदी ने ट्रंप के साथ मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं ने ट्रेड, डिफेंस और 5जी नेटवर्क पर चर्चा की।

इसके अलावा पीएम मोदी ने जर्मन चांसलर ऐंजेला मर्केल और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जेइन से भी मुलाकात की। जर्मन चांसलर के साथ उन्होंने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, ई-मोबिलिटी, सायबर सिक्यॉरिटी, रेलवे के आधुनिकीकरण और स्किल डिवेलपमेंट को लेकर चर्चा की।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।