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आयकर विभाग अब आवेदन पत्र दाखिल करने के चार घंटे के भीतर ही आपको पैन कार्ड उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है. इसके अलावा विभाग पहले से ही भरे हुए रिटर्न जैसे सुधार उपायों पर भी काम कर रहे हैं जो इस प्रक्रिया को काफी सुविधाजनक बनाएंगे। इस प्रक्रिया के एक वर्ष के भीतर शुरू होने की संभावना है.
बैंक अकाउंट खुलवाने से लेकर इनकम टैक्स रिटर्न भरने, प्रॉपर्टी खरीद, बड़े ट्रांजेक्शन तक कई जरूरी कामों में पैन कार्ड देना जरूरी है. इसी को देखते हुए सरकार ने फिजिकल पैन कार्ड के साथ ई पैन को भी मान्य कर रखा है. ई-पैन, पैन कार्ड की सॉफ्ट कॉपी होती है.
ई-पैन को पाने में सहूलियत रहे, इसलिए अब सरकार ने एक और कदम उठाया है. जल्द ही अप्लाई करने के 4 घंटों के अंदर ई-पैन ,आवेदक के पास पहुंच जाया करेगा. यानी अब इसके लिए इंतजार नहीं करना होगा. यह जानकारी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने दी.
सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा के मुताबिक इसके लिए आधार कार्ड की जरूरत होगी. आधार कार्ड की पहचान देने के बाद पैन कार्ड सिर्फ 4 घंटे में ही बन जाएगा.
बता दें कि मंगलवार को आयकर रिटर्न की संख्या के बारे में जानकारी देने के दौरान सीबीडीटी चेयरमैन ने इस बात की भी जानकारी दी हैं कि जल्द ही केवल 4 घंटे के अंदर ई-पैन बन जाया करेगा। इस दिशा में सीबीडीटी काम भी कर रहा है।
अप्रैल 2017 में सीबीडीटी ने ई पैन की सुविधा लांच की थी. इसके तहत हर आवेदक को ई मेल के जरिये पैन कार्ड की सॉफ्ट कॉपी पीडीएफ फॉर्मेट में भेजी जाती है. आवेदक अपनी ई-मेल आईडी से ई-पैन को डाउनलोड कर भी उसे उपयोग कर सकते है.
आपको बता दें कि पैन यानी परमानेंट अकाउंट नंबर 10 कैरेक्टर का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है. जिससे इनकम टैक्स दाताओं की जानकारी टैक्स डिपार्टमेंट को मिलती है. पैन कार्ड की मदद से सरकार नागरिकों का वित्तीय लेखा-जोखा रखती है.
पैन कार्ड में 10 कैरेक्टर का एक नंबर दर्ज रहता है जिसके जरिए किसी की बड़ी वित्तीय गतिविधियों का पता लगाया जा सकता है. बड़े फाइनैंशल ट्रांजैक्शन और इनकम टैक्स रिटर्न भरने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम देने के लिए पैन की आवश्यकता होती है.
इसके अलावा आज से पैन कार्ड से जुड़े कुछ नियम भी बदल रहे हैं. अगर किसी आवेदन देने वाले के माता-पिता अलग हो गए हैं तो अब पैन कार्ड में पिता का नाम देना अनिवार्य नहीं होगा. सिर्फ माता के नाम से ही काम चल जाएगा.
इसके अलावा 1 वित्तवर्ष में कोई 2.5 लाख रुपए से अधिक का ट्रांजैक्शन करता है तो उसको भी अब पैन कार्ड का आवेदन अनिवार्य तौर पर करना होगा. इसके लिए 31 मई 2019 तक आवेदन करना जरूरी है. अगर अब किसी कारोबारी, कंपनी का 1 वित्तवर्ष के दौरान कुल बिक्री या प्राप्ति 5 लाख से अधिक नहीं है तब भी उनको पैन कार्ड लेना होगा.