केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार, 20 नवंबर को राज्यसभा में कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद वहां के हालात पूरी तरह से सामान्य हैं और राज्य में इंटरनेट सेवा की बहाली के लिये उपयुक्त स्थिति पाए जाने संबंधी स्थानीय प्रशासन की अनुशंसा मिलने पर यह सेवा भी जल्द ही बहाल की जा सकेगी।
शाह ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान जम्मू कश्मीर के हालात के संबंध में पूरक प्रश्न के जवाब में कहा कि राज्य में हालात सामान्य हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त के बाद से जम्मू कश्मीर में अब तक पुलिस की गोलीबारी में एक भी स्थानीय नागरिक की जान नहीं गई है और राज्य के सिर्फ कुछ पुलिस थाना क्षेत्रों में रात आठ बजे से सुबह छह बजे तक धारा 144 लागू है।
शाह ने कहा कि पांच अगस्त के बाद से जम्मू कश्मीर में पथराव की घटनायें भी कम हुयी हैं। पथराव की 2018 में 802 घटनायें हुयीं थी जबकि 2019 में घटकर 544 घटनायें दर्ज की गयीं।
इंटरनेट सेवा बंद होने के कारण छात्रों को हो रही परेशानी के बारे में सदन में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की चिंता पर सहमति जताते हुये शाह ने कहा कि पूरे देश में 1997 में मोबाइल फोन सेवा बहाल होने के बावजूद जम्मू कश्मीर में मोबाइल फोन सेवा की 2003 में और इंटरनेट सेवा की 2002 में केन्द्र की राजग सरकार ने अनुमति दी थी।
उन्होंने कहा कि राज्य में सुरक्षा और आतंकवाद के कारण यह प्राथमिकता के आधार पर तय करना होगा कि ये सेवायें कब शुरु की जायें। उन्होंने पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किये जाने के बाद से आंकड़ों के हवाले से बताया कि राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा और परिवहन सहित सभी जरूरी नागरिक सेवायें बहाल हो चुकी हैं।
गृह मंत्री ने कहा ''वहां स्थिति हमेशा से ही सामान्य है। दुनिया भर में कई तरह की बातें चल रही हैं। वहां स्थिति पूरी तरह सामान्य है। पांच अगस्त के बाद पुलिस की गोलीबारी में एक भी व्यक्ति की जान नहीं गई। हालांकि कई लोगों को आशंका थी कि वहां खूनखराबा होगा तथा लोगों की जान जा सकती है।''
शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर में सभी समाचार पत्रों का प्रकाशन हो रहा है और टीवी चैनल काम कर रहे हैं तथा अखबारों के वितरण में कोई कमी नहीं आई है।
पांच अगस्त के बाद जम्मू कश्मीर में स्वास्थ्य और शिक्षा सेवायें बुरी तरह प्रभावित होने के पूरक प्रश्न के जवाब में शाह ने कहा, ''सितंबर 2019 में अकेले श्रीनगर में अस्पतालों के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में 60.67 लाख मरीजों ने दिखाया जबकि अक्टूबर 2019 में यह संख्या बढ़कर 60.91 लाख हो गयी।''
उन्होंने कहा कि दूरदराज के इलाकों में 'मोबाइल वेन' से दवायें उपलब्ध करायी जा रही हैं। इसी प्रकार 99 प्रतिशत छात्र परीक्षाओं में शामिल हुये।
शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में पेट्रोल, डीजल, एलपीजी और चावल की बिक्री में इस साल पिछले दस सालों की तुलना में 08 से 16 प्रतिशत तक बढ़ोतरी दर्ज की गयी है।
उन्होंने जम्मू कश्मीर में सिर्फ पांच से आठ अगस्त तक ही बैंकिंग सेवायें प्रभावित होने की जानकारी देते हुये बताया कि पूरे इलाके में बैंकिंग सेवायें सामान्य रूप से सुचारु हैं। न्यायिक सेवायें भी सामान्य होने का हवाला देते हुये शाह ने कहा कि पांच अगस्त को नये उच्च न्यायालय के काम शुरु करने के बाद अब तक 36192 मामलों में सुनवाई कर लगभग 5000 मामलों में फैसला भी सुना दिया है।
गृह मंत्री ने कहा कि इन तथ्यों से स्पष्ट है कि जम्मू कश्मीर में हालात पूरी तरह से सामान्य हो चुके हैं।
आजाद ने शाह द्वारा पेश आंकड़ों पर शंका व्यक्त करते हुये कहा, ''लगता है किसी अन्य राज्य की रिपोर्ट गृह मंत्री के हाथों में आ गयी है।''
इस पर शाह ने सभी तथ्य सदन पटल का हिस्सा होने के आधार पर इनकी सच्चाई संदेह से परे बताते हुये कहा कि अगर सदस्य चाहें तो वह सदन में जम्मू कश्मीर के हालात पर चर्चा के लिये भी तैयार हैं। सभापति नायडू ने कहा कि इस विषय पर अलग से जल्द चर्चा करायी जायेगी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.