जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ की सूचना के बाद दिल्ली में हाई-अलर्ट. (सांकेतिक तस्वीर)
जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ की सूचना के बाद दिल्ली में हाई-अलर्ट. (सांकेतिक तस्वीर)रायटर्स

जैश-ए-मोहम्मद के 12 आतंकियों के भारतीय सीमा में घुसपैठ करने की खबर के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और जम्मू-कश्मीर राज्य में हाई-अलर्ट की घोषणा की गई है.

इंडिया टुडे ने एक शीर्ष सैन्य अधिकारी के हवाले से बताया कि पीर पंचाल की पहाड़ियों से भारत में घुसपैठ करने वाले इन आतंकियों ने खुद को चार-चार के तीन समूहों में बांट लिया है. बताया जाता है कि ये आतंकी दक्षिण कश्मीर के त्राल, शोपियां और पुलवामा के क्षेत्र में सक्रिय हो सकते हैं.

एनडीटीवी की खबर के अनुसार, अधिकारियों को इस बात का डर है कि ये आतंकी शनिवार, 2 जून को रमजान के 17वें दिन जो बद्र की लड़ाई की सालगिरह का भी दिन है, पर बड़े पैमाने तर हमला पर सकते हैं. आतंकियों ने बीते वर्ष भी इसी दिन कई हमलों को अंजाम दिया था.

बद्र की लड़ाई मार्च 624 ईस्वी में हुई इस्लाम की पहली लड़ाई मानी जाती है.

बताया जाता है कि ये आतंकी दक्षिण कश्मीर के त्राल, शोपियां और पुलवामा के क्षेत्र में सक्रिय हो सकते हैं और इस क्षेत्र में बीते एक सप्ताह में कई मुठभेड़ भी देखने को मिली हैं. हाल ही में आतंकियों द्वारा शोपियां में सेना के एक वाहन के निकट आईईडी विस्फोट कर 3 जवानों को घायल कर दिया था.

जम्मू-कश्मीर पुलिस के अनुसार, आतांकियों ने 28 मई की अलसुबह पानी की एक टंकी के पास आईईडी को तब लगाया जब सेना का वाहन अपनी नियमित गश्त पर था. तीन जवानों को घायलावस्था में तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया. पुलिस का कहना है कि आतंकी विस्फोट के बाद मौके से फरार होने में कामयाब रहे.

यह हाई अलर्ट और भारतीय सेना पर निरंतर हमले ऐसे समय में हो रहे हैं जब भारत सरकार ने रमजान के पाक महीने में अपनी तरफ से सशर्त युद्धविराम की घोषणा कर रखी है. वास्तव में पाकिस्तान भी 2003 के युद्धविराम को ''पत्र और भावना'' में मानने पर राजी हो गया है. हालांकि इसका उल्लंघन अभी भी जारी है और विशेषज्ञों और सैन्य अधिकारियों का मानना है कि ऐसे कदमों से कश्मीर घाटी में आतंक के कम होने की कोइ्र संभावना नहीं है.

एक खुफिया अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर लाईवमिंट को बताया, ''इसका कश्मीर के आतंकवाद पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. एक तरफ जहां पाकिस्तान द्वारा किया जाने वाला युद्धविराम का उल्लंघन घुसपैठियों को घुसपैठ करने में मदद करने को होता है, इसके चलते घुसपैठ में मामूली कमी देखने को मिल सकती है. लेकिन यहां पर कश्मीर घाटी में पहले से ही लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के इतने स्थानीय आतंकी मौजूद है कि वो हमारे सैन्य बलों को व्यस्त रख सकते हैं.''