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जम्मू कश्मीर के हंदवाड़ा जिले में सोमवार को एक आतंकवादी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के तीन जवान शहीद हो गये। सामचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस हमले में 7 सैनिक घायल भी हुए हैं। इस हमले में शामिल एक आतंकी को मार गिराया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि जिले में क्रालगुंद क्षेत्र के वंगाम-कजियाबाद में हमलावरों ने सीआरपीएफ की एक नाका पार्टी पर गोलियां चलायीं।

अधिकारियों के अनुसार, इस हमले में सीआरपीएफ के तीन जवानों की मौके पर ही मृत्यु हो गयी। उन्होंने बताया कि इलाके को घेर लिया गया है तथा हमलावरों को ढूढने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाकर्मी वहां भेजे गये हैं। ब्योरे की प्रतीक्षा है।

इससे पूर्व रविवार को ही उत्तर कश्मीर के रजवार जंगल स्थित एक गांव में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक कर्नल और एक मेजर समेत पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए तथा दो आतंकवादी भी मारे गए। शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों में कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश शामिल हैं। ये सभी 'गार्ड्स' रेजीमेंट ब्रिगेड के थे और वर्तमान में 21 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा थे जो कि आतंकवाद निरोध के लिए तैनात है। साथ ही जम्मू कश्मीर पुलिस के उपनिरीक्षक शकील काजी भी आतंकवादियों की गोलियां लगने से शहीद हो गए।

मुठभेड़ में मारे गए दो आतंकवादियों में प्रतिबंधित लश्कर-ए- तैयबा का कमांडर हैदर भी शामिल है जो कि एक पाकिस्तानी नागरिक था और उत्तर कश्मीर के क्षेत्र में सक्रिय था। मारे गए दूसरे आतंकवादी की अभी पहचान नहीं हो पायी है। अधिकारियों ने बताया कि इन आतंकवादियों ने कुछ नागरिकों को बंधक बना रखा था।

सुरक्षा बलों को पिछले कुछ दिनों से हंदवाड़ा क्षेत्र में रजवार के जंगल में कुछ आतंकवादियों की मौजूदगी का पता चला था और बृहस्पतिवार को जंगल में एक संक्षिप्त मुठभेड़ हुई थी। शनिवार दोपहर के आसपास, खुफिया सूचना से चंगीमुल्ला गांव स्थित एक घर के भीतर आतंकवादियों के एक समूह की मौजूदगी का संकेत मिला। इसके बाद कर्नल शर्मा ने अपनी टीम और काजी के साथ मिलकर घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाया। कुछ समय बाद कर्नल शर्मा और चार अन्य कर्मी यह मानकर मकान के बगल में स्थित गोशाला में घुसे कि आतंकवादी भारी गोलीबारी में मारे गए हैं।

अधिकारियों के अनुसार टीम नागरिकों को बचाने के बाद भारी गोलीबारी की जद में आ गई और कर्नल शर्मा और उनकी टीम के साथ सभी संचार सम्पर्क टूट गया। टीम के मोबाइल फोन पर की गई कॉल का जवाब आतंकवादियों ने दिया। सेना ने उसके बाद पैरा-ट्रूपर को भेजा और उन्होंने यह पता लगने के बाद कि सैन्य अधिकारी और उनकी टीम मुठभेड़ में शहीद हो गई है, पहली किरण के साथ ही एक अभियान शुरू किया और दोनों आतंकवादियों को मार गिराया।

घाटी में कर्नल रैंक के अधिकारी की शहादत पांच वर्ष बाद हुई है। 2015 में सेना ने एक वर्ष में अपने दो कर्नल रैंक के अधिकारी गंवा दिये थे। 2/9 गोरखा राइफल्स के कर्नल एम एन राय, 42 आरआर के सीओ थे और उन्होंने जनवरी 2015 में दक्षिण कश्मीर के त्राल में आतंकवादियों से लड़ते हुए देश के लिए अपना जीवन कुर्बान कर दिया था। उसी वर्ष कर्नल संतोष महादिक कुपवाड़ा क्षेत्र में एक मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।

इस नवीनतम अभियान पर सेना ने कहा कि कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा के चंगीमुल्ला इलाके में एक मकान में आतंकवादियों द्वारा कुछ नागरिकों को बंधक बनाए जाने की खुफिया सूचना मिलने के बाद सेना तथा जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक संयुक्त अभियान चलाया था। इसने बताया कि पांच सैन्य और पुलिस कर्मियों की टीम नागरिकों को छुड़ाने के लिए आतंकवादियों के कब्जे वाले इलाके में घुसी और नागरिकों को सफलतापूर्वक बचा लिया।

सेना ने बताया कि हालांकि इस दौरान आतंकवादियों ने टीम पर भारी गोलीबारी की और इसके बाद हुई मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए तथा पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए। अधिकारियों ने बताया कि ऐसा माना जा रहा है कि आतंकवादी पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से घुसपैठ करने वाले एक समूह को लेने के लिए हंदवाड़ा पहुंचे थे।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई/भाषा द्वारा लिखा गया है.