छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में मंगलवार को नक्सलियों ने दूरदर्शन की टीम पर हमला कर दिया. हमले में दूरदर्शन के एक कैमरामैन सहित दो जवान शहीद हो गए. इस बीच दूरदर्शन की टीम में शामिल दूसरे साथियों ने सड़क के पास एक गड्ढे में छुपकर अपनी जान बचाई. इस बीच मौत को सामने देख टीम के एक असिस्टेंट कैमरामैन मोरमुकुट शर्मा ने अपनी मां के नाम एक वीडियो संदेश जारी किया. वीडियो में उसने घटना का जिक्र करते हुए अपनी मां से कहा, ''आतंकी हमला हो गया है. मम्मी मैं आपसे बहुत प्यार करता हूं. हो सकता है मैं हमले में मारा जाऊं.''
He thought these were his last moments. But he survived..... #DDNews video journalist Mor Mukut Sharma shared his heart-wrenching ordeal as the dastardly #naxal attack in #Dantewada was underway.
— Doordarshan News (@DDNewsLive) October 31, 2018
A salute to his bravery and courage even in the face of death pic.twitter.com/6LvaFnugn9
जब कैमरामैन घटना स्थल पर अपना वीडियो बना रहा था, उस वक्त नक्सली लगातार गाली-गलौच करते हुए गोलीबारी कर रहे थे. साथ ही पत्रकारों पर हैंडग्रेनेड फेंके जा रहे थे. मौत को सामने खड़ा देखकर भी कैमरामैन ने हिम्मत नहीं हारी और मां के नाम अपना संदेश रिकॉर्ड किया. मोरमुकुट इस हमले में बाल-बाल बच गए.
आपको बता दें कि दंतेवाड़ा में अरनपुर थाना क्षेत्र के निलावाय में पत्रकारों की टीम इलेक्शन कवरेज करने गई थी. इस हमले में 2 जवान शहीद हो गए जबकि डीडी न्यूज के एक कैमरामैन अच्युतानंद साहू की मौत हो गई. टीम के अन्य सदस्य जान बचाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे थे. वो पास के एक गड्ढे में छुप गए. किसी को बचने की उम्मीद नहीं थी. इस दौरान अपने सामने मौत खड़ा देख असिस्टेंट कैमरामैन मोरमुकुट शर्मा ने अपनी मां के नाम एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया.
''आतंकी हमला हो गया है... हम दंतेवाड़ा में आए थे इलेक्शन कवरेज पर... एक रास्ते से जा रहे थे, आर्मी हमारे साथ थी... अचानक नक्सलियों ने घेर लिया... मम्मी अगर मैं जीवित बचा तो गनीमत है... मम्मी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं... हो सकता है मैं हमले में मारा जाऊं... परिस्थिति सही नहीं है... पता नहीं क्यों मौत को सामने देखते हुए डर नहीं लग रहा है...बचना मुश्किल है यहां पर... 6-7 जवान हैं साथ में... चारों तरफ से घेर लिए हैं..''
बोलते समय मोरमुकुट का गला सूख रहा था. वह प्यास से तड़प रहे थे. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. इस बीच वो लगातार अपने हाथों से गड्ढा भी खोदते रहे. लगातार 40 से 45 मिनट के नक्सली आतंक के बाद सुरक्षाबलों की दूसरी टुकड़ी वहां पहुचीं तब जाकर पत्रकारों और बचे हुए जवानों ने राहत की सांस ली. सहायता मिलने पर मोरमुकुट ने सबसे पहले जवानों से पानी पीने को मांगा.