अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर नजर रखते हुए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार भी दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार के रास्ते पर चल निकली है। तृणमूल कांग्रेस सरकार ने सोमवार को मुफ्त बिजली देने और रोजगार सृजन पर जोर देते हुए लोक लुभावन बजट पेश किया है। राज्य में अगले तीन साल के दौरान 100 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पार्क बनाने और प्रत्येक तिमाही 75 यूनिट तक बिजली खपत करने वालों को मुफ्त बिजली देने की घोषणा की गई है।
पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने राज्य विधानसभा में कुल मिलाकर 2,55,677 करोड़ रुपये का बजट पेश किया है जिसमें मात्र आठ करोड़ रुपये का घाटा दिखाया गया है। राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार का यह आखिरी पूर्ण बजट है।
बजट में 2021 के विधानसभा चुनावों पर नजर रखते हुए और 107 नगर निकायों के आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए तृणमूल कांग्रेस की सरकार ने प्राथमिक तौर पर सामाजिक क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाया है वहीं पिछड़े वर्ग को भी खुश करने का प्रयास किया गया है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की इन पिछड़े समूहों वाले क्षेत्र में पैठ दिखाई दी है। राज्य के 2020- 21 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 5,150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इसके साथ ही एमएसएमई क्षेत्र में रोजगार सृजन पर भी जोर दिया गया है। वित्त मंत्री अमित मित्रा ने अपने बजट भाषण में दावा किया है कि जहां एक तरफ देश के स्तर पर विभिन्न आर्थिक संकेतकों में अर्थव्यवस्था नीचे जा रही है। वहीं पश्चिम बंगाल में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) वृद्धि और दूसरे पैमानों पर अर्थव्यवस्था में सुधार दर्ज किया गया है।
मित्रा ने कहा कि राज्य सरकार ने नए विश्वविद्यालय खोलने, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के बुजुर्गों के कल्याण, असंगठित क्षेत्र के कामगारों, एमएसएमई क्षेत्र, बेरोजगार युवकों को सहायता, चाय बागान कर्मचारियों के साथ ही गरीब को निशुल्क बिजली देने और सरकारी सेवाओं को पाने में मदद के लिए बजट में आवंटन किया गया है। अगले साल के लिए बजट में इन क्षेत्रों के लिए 5,150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्य में 9.11 लाख रोजगार के अवसर पैदा करने में सफलता हासिल की गई। उन्होंने कहा कि 2020- 21 के बजट में 70,807 करोड़ रुपये का कर राजस्व प्राप्त होने का अनुमान रखा गया है जबकि 2019- 20 के संशोधित अनुमान में 65,806 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। राज्य सरकार के बजट में वैट, सीएसटी, प्रवेश शुल्क से जुड़े विवादों के निपटान के लिए योजनाओं का प्रस्ताव किया गया है।
इसी प्रकार मोटर वाहन कानून, बकाया स्टैंप शुल्क पर ब्याज माफी और मौजूदा परिसर से जुड़े प्लॉट के विलय पर स्टैंप शुल्क कम करने जैसे कदमों की भी घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट पेश किए जाने के बाद आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बजट को जनहित वाला बजट बताया और कहा कि यह बजट सभी वर्ग के लोगों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने विभिन्न मामलों में राज्य सरकार को एक लाख करोड़ रुपये की राशि देने से इनकार किया है। इस अवसर पर वित्त मंत्री अमित मित्रा भी उनके साथ थे।
बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केनद्र सरकार से आग्रह किया है कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए उन्हें विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर काम' करना चाहिए और 'बदले की राजनीति' से दूर रहना चाहिए। उन्होंने अर्थव्यवस्था के बारे में रिजर्व बैंक की हाल में की गई टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार को नफरत की राजनीति छोड़कर अर्थव्यवस्था की तरफ ध्यान देना चाहिए।
पश्चिम बंगाल में तीन महीने में 75 यूनिट तक बिजली का इस्तेमाल करने वाले लोगों के बिजली के बिल माफ किए जाएंगे। बंगाल से पहले महाराष्ट्र और झारखंड सरकार भी लोगों के लिए ऐसी योजनाओं पर काम कर रही है। लोगों के फ्री बिजली देने के अभियान की शुरुआत करने वाले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने राज्यों की इस पहल का स्वागत किया है।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.