चीन में घातक कोरोनावायरस से मरने वालों की संख्या बढ़कर 908 हो गई है और इसके संक्रमण के 40,000 से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने बताया कि रविवार को इससे 97 और लोगों की जान चली गई और 3,062 नए मामले सामने आए। उसने बताया कि शनिवार को जिन 97 लोगों की जान गई उनमें से 91 हुबेई प्रांत के थे, जहां इस विषाणु के कारण सबसे अधिक लोग मारे गए हैं। इसके अलावा दो लोग अनहुइ में मारे गए। हीलोंगजियांग, जिआंगशी, हैनान और गान्सू में इससे एक-एक व्यक्ति की जान गई है।
आयोग के अनुसार 31 प्रांतीय स्तर के क्षेत्रों में इससे अब तक कुल 908 लोगों की जान जा चुकी है और कुल 40,171 मामलों की पुष्टि हुई है। उसने बताया कि रविवार को 296 मरीज गंभीर रूप से बीमार हो गए, 6,484 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है और 23,589 लोगों के इससे संक्रमित होने की आशंका है। वहीं कुल 3,281 लोगों को इलाज के बाद अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई है।
कोरोनावायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं। इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन 'सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम' (सार्स) ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी।
दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग को पत्र लिखकर कोरोनावायरस के प्रकोप से निपटने में भारत की ओर से मदद की पेशकश की। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पत्र में, प्रधानमंत्री ने चीन में वायरस के प्रकोप को लेकर चीनी राष्ट्रपति और वहां के लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की।
उन्होंने बताया कि मोदी ने समस्या से निपटने के लिए चीन को मदद की पेशकश करने के साथ ही प्रकोप से लोगों की मौत पर शोक जताया। मोदी ने हुबेई प्रांत से करीब 650 भारतीयों को निकालने में मदद देने के लिए शी के प्रति आभार भी जताया।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.