उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट और महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर 28 मई को हुए उपचुनाव के लिये वोटों की गिनती गुरुवार की सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रारंभ हुई.
- कैराना सहित तीन लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों - महाराष्ट्र की पालघर और भंडारा-गोदिया और नागालैंड संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में मतों की गिनती का काम शुरू हो गया है.
- ऐन मौके पर निष्ठा पलटना बीजेपी की सेहत के लिये अच्छा नहीं रहा क्योंकि वगाना परिवार बीते 35 वर्षों से बीजेपी में विभिन्न पदों पर आसीन रहा है.
- इसी तरह बीजेपी महाराष्ट्र के पालघर में अपनी सत्ता बनाए रखने को लेकर काफी उत्सुक है. यह सीट जनवरी में बीजेपी सांसद एमपी चिंतानम वगाना के निधन के बाद रिक्त हुई थी. हालांकि इसके बाद से ही बीजेपी औश्र शिवसेना के बीच शाब्दिक जंग चल रही है और बाद में शिवसेना ने यहंा से स्वर्गीय सांसद के बेटे श्रीनिवास को टिकट दे दिया.
- कैराना में 16 लाख से अधिक मतदाता हैं जिनमें से 873,120 पुरुष, 736,431 महिला और 77 तीसरे लिंग के हैं.
- 28 मई को कैराना के एक पोलिंग बूथ पर कुछ वोटिंग मशीनों ने तकनीकी दिक्कतों के चलते काम करना बंद कर दिया था जिसके परिणामस्वरूप कई वोटरों को अपने मताधिकार का प्रयोग किये बिना ही वापस लौटना पड़ा था.
- बीजेनी के लिये कैराना सीट जीतना वाकई में बेहद महत्वपूर्ण है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां पर लगातार प्रचार किया ताकि एक बार फिर गारखपुर और फूलपुर उपचुनावों के नतीजों को दोहराया ना जा सके. बीजेपी इन दोनों उपचुनावों में समाजवादी पार्टी के हाथों चित्त हो गई थी.
- फरवरी में बीजेपी सांसद हुकुम सिंह की मौत के चलते कैराना साट रिक्त हुई थी और पार्टी ने उनकी बेटी मृगांका सिंह को इस उपचुनाव के लिये प्रत्याशी चुना.
- मृगांका सिंह का सीधा मुकाबला कांगेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के संयुक्त विपक्ष द्वारा समर्थित राष्ट्रीय लोकदल उम्मीदवार तबस्सुम हसन से है.
- कैराना चुनाव 2014 के बाद से उत्तर प्रदेश में हो रहा चौथा उपचुनाव है.