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सांकेतिक तस्वीरReuters file

अगर आप डिजिटल लेनेदेन के लिए मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं तो ये खबर आपके लिए जाननी बहुत जरूरी है. क्योंकि देश में अधिकतर मोबाइल वॉलिट्स मार्च तक बंद हो सकते हैं. यह डर पेमेंट्स इंडस्ट्री के एग्जिक्यूटिव्स ने जताया है. उन्हें डर है कि सभी कस्टमर्स का वेरिफिकेशन फरवरी 2019 तक पूरा नहीं हो पाएगा. जिसकी वजह से उन्हें कई अकाउंट बंद करने पड़ सकते हैं.

आरबीआई ने वेरिफिकेशन के लिए फरवरी 2019 डेडलाइन तय की है. प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स यानी मोबाइल वॉलिट्स को आरबीआई ने अक्टूबर 2017 में निर्देश दिया था कि वे नो योर कस्टमर गाइडलाइंस के तहत वांछित पूरी जानकारी जुटाएं.

अग्रेज़ी अखबार ET कि खबर के मुताबिक कंपनियां अब तक अपने टोटल यूजर बेस के मामूली हिस्से की जानकारी ही जुटा सकी हैं और अभी उन्होंने अधिकतर यूजर्स का बायोमीट्रिक या फिजिकल वेरिफिकेशन नहीं किया है. जिसकी वजह से एक्सपर्ट्स का मानना है कि देश में 95 प्रतिशत से ज्यादा मोबाइल वॉलिट्स मार्च तक बंद हो सकते हैं.

मोबाइल वॉलिट्स से करीब चार साल पहले डिजिटल पेमेंट में तेजी आई थी, लेकिन अब इस सेगमेंट में कुछ ही कंपनियां बची हैं. मोबीक्विक, फोनपे और एमेजॉन पे जैसी अधिकतर पीपीआई लाइसेंस धारक या तो यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस बिजनेस पर जोर लगा रही हैं या वे फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी से जुड़े दूसरे कामकाज करने लगी हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिन मोबाइल वॉलिट्स ने अपने उपयोग की खास जगह बना ली है, वे ही टिक पाएंगे.