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ANI

भारतीय वायुसेना द्वारा बालाकोट आतंकी ठिकानों पर की गई एयर स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी को Mi-17 हेलीकॉप्टर के क्रैश होने की घटना की जांच में काफी चौंकाने वाली नई जानकारी सामने आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, भारतीय वायुसेना के 6 जवानों की जान लेने वाली इस दुर्घटना का प्रमुख कारण एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) में मौजूद वायुसेना के ही एक अफसर द्वारा पैदा किया गया भ्रम हो सकता है।

भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि ऐसा पता चल रहा है कि एटीसी टावर में मौजूद अफसरों में से एक ने पहले Mi-17 चॉपर को बेस पर वापस जाने के लिए ग्रीन सिग्नल दिया लेकिन दूसरी तरफ एयर डिफेंस यूनिट को यह सूचना दे दी कि एयर बेस पर कोई एयरक्राफ्ट लैंड नहीं करने वाला है।

समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया, 'जांच के दौरान पता चल रहा है कि Mi-17 एक मिशन के लिए जा रहा था तो उस अधिकारी ने पहले उसे वापस श्रीनगर एयर बैस लौटने का निर्देश दिया और जब एयर डिफेंस के अधिकारियों ने जानना चाहा कि क्या कोई अपना एयरक्राफ्ट एयर बेस की तरफ आ रहा है तो उन्होंने कह दिया कि कोई भी चॉपर या एयरक्राफ्ट बेस की तरफ नहीं आ रहा है।'

इस दुर्घटना में एक बार कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी पूरी हो चुकी है लेकिन ट्रायल का सामना कर रहे अधिकारियों ने मांग की थी कि ज्यादा गवाहों से सवाल पूछे जाएं और इसलिए इसे फिर से खोला गया। आपको बता दें कि एटीसी में मौजूद उस अफसर के अलावा एयर बेस पर डिफेंस में तैनात एक अधिकारी का भी इस मामले में कोर्ट मार्शल हो सकता है।

27 फरवरी को श्रीनगर के करीब सेना का Mi-17 V5 चॉपर क्रैश हो गया था। बडगाम के करीब चॉपर सुबह में उस समय क्रैश हुआ था जब बालाकोट एयर स्ट्राइक के जवाब में पाकिस्तान ने जवाबी हमला करने की नाकाम कोशिश की थी।

Mi-17 चॉपर में उस समय 6 लोग सवार थे और ऐसी रिपोर्टें आई थीं कि अपने ही एयर डिफेंस सिस्टम SPYDER ने इसे हिट कर दिया था, जिसे श्रीनगर में तैनात किया गया है। हालांकि पूरी सूचना जांच पूरी होने के बाद ही सामने आएगी। उधर, रक्षा मंत्रालय और एयर फोर्स के अधिकारियों का स्पष्ट मत है कि इस दुर्घटना में दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों को कड़ी सजा दी जाए।

Mi-17 V-5 चॉपर 154 हेलिकॉप्टर यूनिट से ताल्लुक रखता है और उस दिन जब भारतीय लड़ाकू विमान और पाकिस्तानी जेट डॉगफाइट में शामिल थे तभी 10 मिनट के भीतर यह चॉपर क्रैश हो गया था। वायुसेना 6 अफसरों के अलावा जमीन पर मौजूद एक नागरिक की जान चली गई थी। बताया जा रहा है कि कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी में देरी हुई क्योंकि बडगाम में गाववालों ने ब्लैकबॉक्स को कथित तौर पर चुरा लिया था। क्रैश साइट पर सेना के वाहनों पर पथराव भी हुआ था।

पाकिस्तान में घुसकर जब बालाकोट स्ट्राइक हुई, उस समय वेस्टर्न एयर कमांड के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल हरी कुमार थे। वह Mi-17 चॉपर क्रैश होने के एक दिन बाद ही रिटायर हो गए थे।

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।