Corona

विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि वे इसकी पुष्टि नहीं कर सकते कि क्या ईरान में 250 से अधिक भारतीयों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। हालांकि अधिकारियों ने यह स्वीकार किया कि ऐसे लोगों की एक सूची प्रसारित होने के बारे में वे अवगत हैं।

दरअसल, भारत से ईरान तीर्थयात्रा पर गए शिया मुस्लिम समुदाय के एक दल में शामिल एक व्यक्ति ने दावा किया कि जांच में 254 भारतीयों को कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया है। उसने दावा किया कि भारत से ईरान गए डॉक्टरों के दल ने जांच की तो 254 भारतीय कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए। इनमें तीर्थयात्री और विद्यार्थी शामिल हैं।

दावा करने वाले ने संक्रमित तीर्थयात्रियों और विद्यार्थियों की लिस्ट साझा की जिसमें नाम, पासपोर्ट नंबर और पीएनआर नंबर सहित हर समूह के एक-एक व्यक्ति के कॉन्टैक्ट नंबर भी दिए गए थे। कहा जा रहा है कि इन 254 संक्रमित भारतीयों में 80 छात्र हैं। इन्हें चार समूहों में बांट दिया गया है। इनमें ज्यादातर लोग ईरानी शहर कोम में जबकि कुछ लोग राजधानी तेहरान में हैं।

मंगलवार शाम में कोरोना वायरस को लेकर आयोजित एक अंतर मंत्रालयीय प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव डी रवि से ईरान में भारतीयों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बारे में कई बार सवाल किये गए। रवि ने संवाददाताओं से कहा, ''निश्चित तौर पर इस तरह की स्थिति में जब ईरान में वायरस का संक्रमण इतना फैला हुआ है तो आपको भारतीय तीर्थ यात्रियों में कुछ पॉजिटिव मामले मिलेंगे।''

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सांकेतिक तस्वीरPTI

उन्होंने कहा, ''हालांकि इसको लेकर आश्वस्त करते हैं कि वहां भारतीयों की सुरक्षा को लेकर ईरान सरकार के साथ मिशन पूरा सहयोग और समन्वय कर रहा है। राजदूत उन पर काफी ध्यान दे रहे हैं।''

मीडिया की खबरों में इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि ईरान में 250 से अधिक भारतीयों की कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है, उन्होंने कहा, ''इसकी पुष्टि नहीं कर सकते कि ईरान में 250 से अधिक भारतीय‍ जांच में कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गए हैं। हम यह भी पुष्टि नहीं कर सकते कि क्या ऐसी प्रसारित हो रही सूची असली है या नहीं।''

उन्होंने यद्यपि कहा कि यह संभव नहीं है कि सभी भारतीय तीर्थयात्रियों की जांच रिपोर्ट नकारात्मक आये क्योंकि वे कोम में हैं। सूत्रों ने कहा कि तेहरान में भारतीय मिशन के संबंध में स्थिति पर ''नजदीकी नजर'' रखी जा रही है।

उन्होंने कहा कि मिशन के कर्मचारियों को वहां से निकालने की फिलहाल कोई योजना नहीं है और ''जैसा जरूरी होगा कदम उठाये जाएंगे।''

साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है. यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है.