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चीन में कोरोनावायरस से अबतक 170 लोगों की मौत हो चुकी है और फिलहाल इसका प्रकोप थमता नहीं दिख रहा है। स्पुतनिक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में चीन में 1700 नए मामले सामने आए हैं। अब तक 7711 मामलों की पुष्टि हो चुकी है।

कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने गुरुवार को दूसरी बार आपात बैठक बुलाई है जिसमे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने पर फैसला लिया जा सकता है। अगर ऐसा किया जाता है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे निपटने के कदम उठाए जा सकेंगे।

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने ट्वीट करते हुए बताया कि इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि इस वायरस के फैलते संक्रमण को स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया जाए या नहीं। हालांकि कोरोनावायरस के सिर्फ एक प्रतिशत मामले चीन से बाहर पाए गए हैं। उनमें भी ज्यादातर लोग या तो चीन की यात्रा कर लौटे थे या चीन की यात्रा करने वाले लोगों के संपर्क में आए थे, लेकिन चीन से बाहर के तीन देशों में कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा है।

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गौरतलब है कि डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस, जो इस हफ्ते चीन की यात्रा पर गए थे और वहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। उन्होंने अब कहा है कि चीन के बाहर हो रहे कोरोनावायरस के प्रसार के लिए मीटिंग जरूरी हो गई है।

ड्रोस ने ट्विटर पर लिखा, मैंने नए कोरोनावायरस के प्रसार को लेकर इंटरनेशनल हेल्थ रेग्युलेशंस इमरजेंसी कमेटी की बैठक कल फिर से बुलाने का फैसला किया है।" टेड्रोस ने कहा कई लोग जो वायरस के संपर्क में आते हैं उनके अंदर हल्के-फुल्के लक्षण देखने को मिलते हैं लेकिन पांच में से कम से कम एक के अंदर बीमारी के जबरदस्त लक्षण, जैसे निमोनिया और सांंस स की समस्या देखने को मिली है।

चीन में बिगड़ते हालात को देखते हुए एयरलाइन्स ने वहां जाने वाले और वहां से आने वाले विमानों को रद्द कर दिया है ताकि दूसरे देशों तक वायरस को फैलने से रोका जा सके। कुछ देशों ने वुहान में फंसे अपने लोगों को एयरलिफ्ट करना भी शुरू कर दिया है। अमेरिका के एक चार्टर प्लेन में 210 अमेरिकी लोगों को कैलिफॉर्निया मिलिट्री बेस ले जाया गया जहां बायलॉजिकल हजार्ड सूट्स में कर्मचारी मौजूद रहे। इन सभी लोगों को स्क्रीन किया जाएगा और लक्षण मिलने पर अस्पताल ले जाया जाएगा।

सांकेतिक तस्वीर
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कोरोनावायरस विषाणुओं का एक बड़ा समूह है लेकिन इनमें से केवल छह विषाणु ही लोगों को संक्रमित करते हैं. इसके सामान्य प्रभावों के चलते सर्दी-जुकाम होता है लेकिन 'सिवीयर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम' (सार्स) ऐसा कोरोनावायरस है जिसके प्रकोप से 2002-03 में चीन और हांगकांग में करीब 650 लोगों की मौत हो गई थी.

कोरोनावायरस का पहला मामला दिसंबर में चीन के वुहान शहर में सामने आया। इसके बाद अब तक करीब 16 देशों में कोरोनावायरस के मामले की पुष्टि हो चुकी है। साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक, संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा थाईलैंड में है। लिस्ट में जापान दूसरे और हॉन्गकॉन्ग तीसरे नंबर पर है। ऑस्ट्रेलिया 10वें, ब्रिटेन 17वें नंबर पर है। इस लिस्ट में भारत का नंबर 23वां है।

दुनिया के करीब 16 देश इसकी चपेट में हैं। बुधवार सुबह तक थाईलैंड में 14, हॉन्गकॉन्ग में 10, ताइवान में 8, जापान, सिंगापुर, मकाऊ और मलेशिया में 7-7, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में 5-5, दक्षिण कोरिया, यूएई और जर्मनी में 4-4, कनाडा और वियतनाम में 2-2, कंबोडिया और नेपाल में 1-1 मामले की पुष्टि हो चुकी है।

(विभिन्न वायर्स और एजेंसी इनपुट के साथ)