केंद्र की मोदी सरकार ने बुधवार को कई अहम फैसले लिये। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने दीवाली से ठीक पहले दिल्ली की अनियमित कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को बड़ा तोहफा देते हुए 1797 कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला लिया। कुछ दिनों बाद होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सरकार के इस फैसले को मास्टरस्ट्रोक कहा जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने ईंधन के खुदरा कारोबार को गैर- पेट्रोलियम कंपनियों के लिए खोलने का फैसला भी लिया है।
साथ ही सरकार ने घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनियों एमटीएनएल और बीएसएनएल के पुनरुत्थान पैकेज के तहत बुधवार को दोनों कंपनियों के विलय का फैसला भी किया है। इसी तरह, किसानों को भी तोहफा देते हुए सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 85 रुपये बढ़ाकर 1,925 रुपये क्विंटल कर दिया। वहीं दलहनों के एमएसपी में 325 रुपये क्विंटल तक की वृद्धि की गई है। चालू फसल वर्ष के लिये जौ का एमएसपी भी 85 रुपये बढ़ाकर 1,525 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
केंद्र सरकार एक और जो सबसे बड़ा फैसला लिया है वह आईटीबीपी के जवानों के लिए है। आईटीबीपी का काडर रिव्यू किया जाएगा, जिससे आईटीबीपी में भर्तियां बढ़ेंगी। सरकार अगले संसद सत्र में इन फैसलों से जुड़े बिल लेकर आएगी। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर और शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने इन फैसलों के बारे में बताया।
केंद्र सरकार का यह फैसला दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे लोगों के लिए यह बड़ी राहत लेकर आया है। इससे यहां रह रहे करीब 40 लाख लोगों को सीधा फायदा होगा। कैबिनेट की बैठक के बाद जावड़ेकर ने संवाददाताओं से कहा, 'केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक अहम फैसले में दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों में रहने वाले लोगों को स्वामित्व का अधिकार देने का निर्णय किया है। ' उन्होंने कहा कि इससे 40 लाख लोगों को फायदा होगा और इस संबंध में संसद के अगले सत्र में एक विधेयक पेश किया जाएगा।
Union Minister Prakash Javadekar: Cabinet has taken historic decision to give ownership rights to 40 lakhs people living in unauthorised colonies in Delhi. pic.twitter.com/ooy8Zy4oYD
— ANI (@ANI) 23 October 2019
सरकार ने बुधवार को गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 85 रुपये बढ़ाकर 1,925 रुपये क्विंटल कर दिया। वहीं दलहनों के एमएसपी में 325 रुपये क्विंटल तक की वृद्धि की गई है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'किसानों की आय बढ़ाने की पहल के तहत मंत्रिमंडल ने चालू वर्ष के लिये रबी फसलों के लिये एमएसपी बढ़ाने का फैसला किया है।' सीसीईए ने 2019-20 के लिये गेहूं का एमएसपी 85 रुपये क्विंटल बढ़ाकर 1,925 रुपये प्रति क्विंटल किया है। पिछले साल यह 1,840 रुपये प्रति क्विंटल था।
Union Minister Prakash Javadekar: Cabinet has decided to increase the Minimum Support Price (MSP) for Rabi crops, MSP for wheat and barley has been increased by Rs 85 , gram by Rs 255, Masur (Lentil) by Rs 325, mustard by Rs 225. pic.twitter.com/ZqulWe9p50
— ANI (@ANI) 23 October 2019
चालू फसल वर्ष के लिये जौ का एमएसपी भी 85 रुपये बढ़ाकर 1,525 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है जो कि पिछले साल 1,440 रुपये प्रति क्विंटल था। दाल की खेती को प्रोत्साहित करने के लिये मसूर का एमएसपी 325 रुपये बढ़ाकर 4,800 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया जो पिछले साल 4,475 रुपये प्रति क्विंटल पर था।
सरकारी टेलिकॉम भारत संचार नगर निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को लेकर चल रही आशंकाओं को दूर करते हुए सरकार ने दोनों कंपनियों के विलय का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी और इसके अलावा कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम की भी घोषणा कर दी गई है जिसके तहत अगर किसी कर्मचारी की उम्र 53 साल है तो 60 साल तक उसे 125 पर्सेंट वेतन मिलेगा। वीआरएस का मतलब है स्वेच्छा से नाकि बलपूर्वक। अन्य टेलिकॉम कंपनियां का खर्चा मानव संसाधन पर केवल 5 पर्सेंट है, लेकिन इन दोनों कंपनियों का 70 पर्सेंट है।
Union Cabinet approves revival plan of BSNL (Bharat Sanchar Nigam Limited)&MTNL (Mahanagar Telephone Nigam Limited)&in-principle merger of the two. Spectrum of 4G to be allocated to Telecom PSEs (Public Sector Enterprises).VRS (voluntary retirement scheme) packages to be offered. https://t.co/KluEorlN9A
— ANI (@ANI) 23 October 2019
दूरसंचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संवाददाताओं को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार दोनों सार्वजनिक कंपनियों को पटरी पर लाने के लिए 29,937 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। योजना के तहत 15,000 करोड़ रुपये के सरकारी बांड जारी किए जाएंगे और अगले चार साल में 38,000 करोड़ रुपये की संपत्ति की बिक्री या उसे पट्टे पर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लागत में कटौती के लिये कर्मचारियों के लिये स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना लायी जाएगी।
सरकार ने ईंधन के खुदरा कारोबार को गैर- पेट्रोलियम कंपनियों के लिए खोल दिया है। अब ऐसी कंपनियों भी पेट्राल पंप खोल सकेंगी जो पेट्रोलियम क्षेत्र में नहीं हैं। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से ईंधन के खुदरा कारोबार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया, 'ईंधन के खुदरा कारोबार को पेट्रोलियम क्षेत्र से बाहर की कंपनियों के लिये खोलने से निवेश और प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।'
कैबिनेट मीटिंग में आईटीबीपी में काडर रिव्यू के फैसले पर भी मुहर लगाई गई है। इस फैसले के बाद सुपरवाइजरी और क्षमता में बढ़ोतरी होगी। समय पर पोस्ट क्रिएट करने में आसानी होगी। इसके बाद ग्रुप ए में 60 नई भर्तियां की जा सकेंगी। इस प्रस्ताव से दो नए कमांड तैयार किए जा सकेंगे। इस फैसले से कई और भर्तियां होंगी।