6 अगस्त को दिवंगत हुई पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की आखिरी इच्छा उनकी बेटी बांसुरी ने शुक्रवार को पूरी कर दी. बंसुरी ने अपनी मां का वादा निभाते हुए वकील हरीश साल्वे को एक रुपए का सिक्का सौंप दिया. हरीश साल्वे ने महज एक रुपए की फीस के एवज में अंतरराष्ट्रीय अदालत में पाकिस्तानी में बंद कुलभूषण जाधव के केस की पैरवी की थी.
दरअसल, पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने 6 अगस्त (मंगलवार) रात करीब 8:50 बजे देश के प्रसिद्ध वकील हरीश साल्वे को फोन करके कहा था कि बुधवार को वह अंतरराष्ट्रीय अदालत में कुलभूषण जाधव का केस लड़ने की फीस लेकर जाएं.
साल्वे ने महज एक रुपए की फीस के एवज में जाधव के केस की पैरवी की थी. वहीं पाकिस्तानी पक्ष के वकील ने करीब 20 करोड़ रुपये लिए थे. हरीश साल्वे के एक रुपये फीस लेने की जानकारी खुद सुषमा स्वराज ने ट्विटर पर दी थी. सुषमा स्वराज ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को भारत के लिए एक महान जीत बताया था.
शुक्रवार को सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी स्वराज ने अपनी माँ की इच्छा को पूरा करते हुए हरीश साल्वे को उनकी 1 रुपये की फीस दे दी.
इस संदर्भ में सुषमा स्वराज के पति स्वराज कौशल ने ट्वीट किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा- 'आज आपकी अंतिम इच्छा पूरी कर दी गई है. कुलभूषण जाधव के केस की फीस में जो एक रुपया जो आप छोड़ गई थीं, उसे आज बांसुरी ने हरीश साल्वे को दे दिया है.'
@sushmaswaraj Bansuri has fulfilled your last wish. She called on Mr.Harish Salve and presented the One Rupee coin that you left as fees for Kulbhushan Jadhav's case. pic.twitter.com/eyBtyWCSUD
— Governor Swaraj (@governorswaraj) 27 September 2019
बता दें कि वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने नीदरलैंड के हेग में स्थित अंतराराष्ट्रीय न्यायालय में कुलभूषण जाधव का पक्ष रखा था. इसके बाद आईसीजे ने जाधव की फांसी पर रोक लगा दी थी और पाकिस्तान को इस फैसले पर दोबारा विचार करने को कहा था. साल्वे ने इस केस की सुनवाई में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए 1 रुपये की फीस तय की थी. लेकिन, सुषमा स्वराज का आकस्मिक निधन हो जाने की वजह से उन्हें उनकी फीस नहीं मिली थी. अब हरीश साल्वे को उनकी फीस मिल गई है.
पाकिस्तान ने साजिश कर मार्च 2016 को कुलभूषण जाधव को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था. वहां की आर्मी कोर्ट ने जाधव को मौत की सजा सुनाई थी. पाकिस्तान भारतीय अधिकारियों को उनसे मिलने की इजाजत नहीं दे रहा था. इसके बाद भारत ने इस मामले को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाया था. आईसीजे के आदेश पर बाद में पाकिस्तान को जाधव के लिए कांसुलर एक्सेस की सुविधा देनी पड़ी.
बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री के निधन पर साल्वे ने अपने भावुक ट्वीट में लिखा था, "मैंने मंगलवार रात करीब 08:50 पर उनसे बातचीत की. यह बहुत ही आत्मीय बातचीत थी. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उनके मुलाकात करूं. वह मुझे जाधव केस की 1 रुपये फीस देना चाहती थीं. मैंने कहा मैं उस बहुमूल्य फीस को लेने जरूर आऊंगा."