उन्नीस साल पहले आज ही के दिन, 3 मई से 26 जुलाई, 1999 के बीच कश्मीर के कारगिल जिले और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हुआ कारगिल युद्ध या कारगिल संघर्ष आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गया था और भारतीय सैनिकों ने हमारे परमाणु हथियार संपन्न पड़ोसी पाकिस्तान द्वारा जब्त की गई सभी चोटियों को सफलतापूर्वक वापस पा लिया.
भारत शुक्रवार 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस की 20 वीं वर्षगांठ मना रहा है। शुक्रवार को शहीदों के सम्मान में दूर-दूर से लोग द्रास के शहीद स्मारक में पहुंचे जहां करगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने करगिल दिवस के मौके पर शहीदों को याद किया.
इस मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि, ''1999 में कारगिल की पहाड़ियों पर हमारी सशस्त्र सेनाओं के पराक्रम के प्रति पूरा राष्ट्र कृतज्ञता जाहिर करता है. हम उन देश की रक्षा करने वाले वीरों के अदम्य साहस को सलाम करते हैं. जो नायक लौट नहीं सके, उनके हमेशा ऋणी रहेंगे. जय हिंद''
‘कारगिल विजय दिवस’, हमारे कृतज्ञ राष्ट्र के लिए 1999 में कारगिल की चोटियों पर अपने सशस्त्र बलों की वीरता का स्मरण करने का दिन है।
— President of India (@rashtrapatibhvn) 26 July 2019
हम इस अवसर पर, भारत की रक्षा करने वाले योद्धाओं के धैर्य व शौर्य को नमन करते हैं।
हम सभी शहीदों के प्रति आजीवन ऋणी रहेंगे।
जय हिन्द! ??
इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कारगिल युद्ध में शहीद हुए योद्धाओं को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है. प्रधानमंत्री मोदी न ट्विट करते हुए कहा, कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं. यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है. इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया. जय हिंद!'. इस ट्वीट के साथ पीएम मोदी ने एक वीडियो भी शेयर की है.
कारगिल विजय दिवस पर मां भारती के सभी वीर सपूतों का मैं हृदय से वंदन करता हूं। यह दिवस हमें अपने सैनिकों के साहस, शौर्य और समर्पण की याद दिलाता है। इस अवसर पर उन पराक्रमी योद्धाओं को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। जय हिंद! pic.twitter.com/f7cpUFLO9o
— Narendra Modi (@narendramodi) 26 July 2019
इसी के साथ पीएम मोदी ने एक और ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने साल 1999 की कुछ तस्वीरें साझा की हैं. इन तस्वीरों को शेयर करते हुए पीएम मोदी ने ट्वीट किया, 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान, मुझे कारगिल जाने और अपने बहादुर सैनिकों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर मिला. यह वह समय था जब मैं जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में अपनी पार्टी के लिए काम कर रहा था. कारगिल की यात्रा और सैनिकों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है.
During the Kargil War in 1999, I had the opportunity to go to Kargil and show solidarity with our brave soldiers.
— Narendra Modi (@narendramodi) 26 July 2019
This was the time when I was working for my Party in J&K as well as Himachal Pradesh.
The visit to Kargil and interactions with soldiers are unforgettable. pic.twitter.com/E5QUgHlTDS
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच 1999 में करगिल युद्ध हुआ था. इसकी शुरुआत हुई थी 8 मई 1999 से जब पाकिस्तानी फौजियों और कश्मीरी आतंकियों को कारगिल की चोटी पर देखा गया था. पाकिस्तान इस ऑपरेशन की 1998 से तैयारी कर रहा था.
एक बड़े खुलासे के तहत पाकिस्तान का दावा झूठा साबित हुआ कि करगिल लड़ाई में सिर्फ मुजाहिद्दीन शामिल थे. बल्कि सच ये है कि यह लड़ाई पाकिस्तान के नियमित सैनिकों ने भी लड़ी. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के पूर्व अधिकारी शाहिद अजीज ने यह राज उजागर किया था.
करगिल सेक्टर में 1999 में भारतीय और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच लड़ाई शुरू होने से कुछ सप्ताह पहले जनरल परवेज मुशर्रफ ने हेलिकॉप्टर से नियंत्रण रेखा पार की थी और भारतीय भूभाग में करीब 11 किमी अंदर एक स्थान पर रात भी बिताई थी. इस काम के लिए पाक सेना ने अपने 5000 जवानों को कारगिल पर चढ़ाई करने के लिए भेजा था.
तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस बात को स्वीकारा था कि करगिल का युद्ध पाकिस्तानी सेना के लिए एक आपदा साबित हुआ था. पाकिस्तान ने इस युद्ध में 2700 से ज्यादा सैनिक खो दिए थे. पाकिस्तान को 1965 और 1971 की लड़ाई से भी ज्यादा नुकसान हुआ था.