कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस और जेडीएस के बीच गठबंधन में अहम भूमिका निभाने वाली मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के इतिहास में एक और अहम अध्याय जुड़ने वाला है. हाल में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पार्टी के जीतने वाले इकलौते विधायक एन महेश को राज्य सरकार ने अपने मंत्रिमंडल में जगह देने का फैसला किया है.
द टाइम्स आॅफ इंडिया की खबर के मुताबिक बीएसपी प्रमुख मायावती के करीबी माने जाने वाले राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा ने इसकी पुष्टि की है. यह पहला मौका होगा जब बीएसपी का कोई विधायक उत्तर प्रदेश से बाहर किसी अन्य राज्य के मंत्रिमंडल में शामिल होगा.
इससे पहले कर्नाटक में कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सोनिया गाँधी और मायावती की बढ़ती नजदीकियों और गर्मजोशी से एक-दूसरे से मिलने के बाद राजनितिक गलियारों में भविष्य की राजनीती को लेकर बातें होने लगी थीं.
इससे पहले बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान लखनऊ में एन महेश ने कहा था कि कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कर्नाटक की गठबंधन सरकार पांच वर्षों का अपना कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा करेगी. उन्होंने कहा था, "कांग्रेस और जेडीएस के बीच किसी बात को लेकर कोई विवाद नहीं है." उन्होंने यह भी कहा कि वे दलितों के खिलाफ होने वाले अत्याचारों और उनके मुद्दों को सदन में उठाते रहेंगे.
उत्तर प्रदेश के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, छत्तीसगढ़, दिल्ली, बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों में बीएसपी कई चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल करती आई है. कई राज्यों में बीएसपी ने दूसरी पार्टियों की सरकार को समर्थन भी दिया है लेकिन, इस दौरान पार्टी का कोई विधायक कभी किसी राज्य सरकार में शामिल नहीं हुआ.
कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मायावती के इस फैसले से कांग्रेस और बीएसपी के बीच नजदीकियां बढ़ेंगी. साथ ही इससे एकजुट हो रहे विपक्षी दलों में आगामी आम चुनाव के दौरान बीएसपी का कद बढ़ सकता है. इसके अलावा इसी साल राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में दलित और पिछड़े वर्ग के वोट के लिए कांग्रेस बीएसपी के साथ हाथ मिला सकती है.