देश के दक्षिणी राज्य कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम के बीच कर्नाटक कैबिनेट ने सरकार के बचे रहने की बात कही है। सत्ताधारी गठबंधन के 16 विधायकों के इस्तीफे के चलते सरकार अस्तित्व के संकट का सामना कर रही है। ऐसे में राज्य कैबिनेट की गुरुवार को बैठक हुई, जिसमें स्थिति का 'साहस' और एकजुट होकर 'सामना करने' की प्रतिबद्धता जतायी गई। कैबिनेट की ओर से यह विश्वास व्यक्त किया गया कि सरकार बची रहेगी।
कैबिनेट की बैठक मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व में हुई। इसमें कहा गया कि यदि विपक्षी बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो वह उसका सामना करने को तैयार हैं। ग्रामीण विकास मंत्री कृष्ण बी गौड़ा ने कहा, 'राजनीतिक घटनाक्रमों पर चर्चा की गई और जो चर्चा एवं निर्णय किया गया वह यह था कि चूंकि सरकार संकट की स्थिति में है, इसको लेकर कोई संदेह नहीं है। इसके विभिन्न कारणों और उसे सुलझाने के कदमों पर भी चर्चा गई।'
उन्होंने यहां कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में दावा किया कि सरकार को अस्थिर करने का यह छठा या सातवां प्रयास है। उन्होंने कहा, 'इसे बीजेपी द्वारा केंद्र सरकार का इस्तेमाल करते हुए लगातार हमला कहा जा सकता है। आज तक हमने उनके सभी हमलों का सामना किया है और अड़े रहे हैं, हम मानते हैं कि इस बार स्थिति पूर्ववर्ती प्रयासों से अधिक गंभीर है, लेकिन सभी गुणदोष पर विचार करने के बाद मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों ने इसका साहस से और एकजुट होकर सामना करने का संकल्प लिया है।'
कांग्रेस...जेडीएस के 16 विधायकों के इस्तीफों से 13 महीने पुरानी गठबंधन सरकार गिरने के कगार पर पहुंच गई है। गौड़ा ने कहा कि कैबिनेट ने, छोड़कर जाने वाले विधायकों को मनाने का प्रयास जारी रखने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा कि वह सरकार को बचाने के लिए सभी संभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा, 'सभी मंत्रियों ने अपने विचार रखे और सरकार को बचाने के लिए एकीकृत प्रयास करने की बात की।' इस्तीफा देने वाले 16 विधायकों में 13 कांग्रेस से और तीन जदएस से हैं।
गठबंधन का सदन में संख्याबल 116 (कांग्रेस-78, जेडीएस-37 और बीएसपी एक) हैं। इसके अलावा एक विधानसभाध्यक्ष हैं। सोमवार इस्तीफा देने वाले दो निर्दलीयों के समर्थन से बीजेपी के पास 224 सदस्यीय विधानसभा में संख्याबल 107 हो गया है। यदि 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो सत्ताधारी गठबंधन का संख्याबल घटकर 100 हो जाएगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार विश्वासमत हासिल करेगी, उन्होंने कहा, 'यदि जरुरत उत्पन्न हुई, तो हम करेंगे, लेकिन इस समय विपक्ष को जरुरत है और यदि उनकी अधिक इच्छा है तो उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाने दीजिए, हम उसका सामना करेंगे।' बीजेपी ने मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के इस्तीफे की मांग की है और कहा है कि उन्होंने 'बहुमत खो दिया है।'
प्रदेश बीजेपी प्रमुख येदियुरप्पा ने इस संबंध में राज्यपाल को अर्जी दी है और उनसे हस्तक्षेप की मांग की है। यह पूछे जाने पर कि क्या राज्यपाल सरकार से बहुमत साबित करने के लिए कहेंगे, गौड़ा ने कहा, 'संवैधानिक रूप से राज्यपाल के पास कुछ शक्तियां हैं, हमें उनका पालन करना होगा और हम उनके संवैधानिक निर्देशों का पालन करेंगे।'
शुक्रवार से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान वित्तीय विधेयक के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, 'देखते हैं कि क्या होता है। विपक्ष के पास चर्चा करने और मत विभाजन की मांग करने संबंधी कुछ विशेषाधिकार और अधिकार हैं। हम उसकी अवहेलना का प्रयास नहीं करेंगे। हम उन्हें (विपक्ष) सभी मौके देंगे..हम उस पर मतविभाजन के लिए भी तैयार हैं।'
इन खबरों पर कि मुख्य सचिव को राज्यपाल कार्यालय से कथित रूप से कोई प्रमुख नीतिगत निर्णय नहीं लेने को कहा गया है, उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा कुछ हुआ होता तो मुख्य सचिव उसे कैबिनेट के संज्ञान में लाये होते। कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने हाल में कहा था कि यद्यपि मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को छोड़कर कांग्रेस और जदएस के सभी मंत्रियों ने अपने अपने इस्तीफे पार्टी प्रमुखों को दे दिए हैं ताकि असंतुष्ट विधायकों को समायोजित किया जा सके, लेकिन उन इस्तीफों को राज्यपाल को नहीं भेजा गया है और तकनीकी रूप से वे अभी भी मंत्री हैं।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।