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डूबने के कगार पर पहुंच चुकी एयरलाइन कंपनी जेट एयरवेज को दोबारा शुरू करने की दिशा में कंपनी के कर्मचारियों ने एक बेहद अहम कदम के तहत बाहरी निवेशकों से 3,000 करोड़ रुपये का फंड जुटाया है। एयरलाइन कर्मचारियों के एक समूह ने एसबीआई को पत्र लिखकर कर्मचारियों और बाहरी निवेशकों के संघ को कंपनी का प्रबंधन नियंत्रण में लेने के लिए बोली लगाने की अनुमति मांगी है।
सोसाइटी फॉर वेलफेयर ऑफ इंडियन पायलट्स (SWIP) और जेट एयरक्राफ्ट मेंटनेंस इंजिनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (JAMEWA)के संघ ने यह प्रस्ताव भेजा है। संघ ने वादा किया है कि कर्मचारी अपनी भविष्य की कमाई को एयरलाइन में लगाएंगे और उत्पादकता बढ़ाएंगे।
एसबीआई के चेयरमैन को लिखे संयुक्त पत्र में कहा गया है, 'हमारे शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, प्राकल्पित पंच वर्षीय कर्मचारी स्टॉक ऑनरशिप कार्यक्रम (ईएसओपी) में कर्मचारी समूहों का योगदान 4,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।'उन्होंने कहा कि विभिन्न कर्मचारी समूहों के साथ व्यापक चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है, साथ ही उन सहयोगियों से भी सलाह-मशविरा किया गया है, जो अतीत में विभिन्न वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर रहे हैं।
पत्र में कहा गया है,'हम मानते हैं कि एयरलाइन के साथ विरासत में मिले मुद्दे शामिल हैं, जिसमें उच्च परिचालन लागत, कर्मचारियों की जरूरत से अधिक संख्या, प्रतिकूल विक्रेता/पट्टे समझौते और प्रतिकूल कर्ज/इक्विटी अनुपात शामिल हैं।'
जेट एयरवेज के कर्जदाता एसबीआई की अगुवाई में फिलहाल एयरलाइन में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोली लगा रहे हैं, ताकि एयरलाइन को दिए गए 8,400 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली की जा सके। एसबीआई की मर्चेंट बैंकिंग इकाई एसबीआई कैंप्स अप्रैल के अंत तक दाखिल निवेशकों के प्रस्ताव को शॉर्टलिस्ट करेगी।