एक तरफ जब राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन सरकार कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में हारने के बाद अबतक अपने घाव पर मलहम लगा रहा है, ऐसे में एबीपी और सीएसडीएस के एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में सामने आया है कि 47 प्रतिशत भारतीयों का मानना है कि केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी की सरकार सत्ता में दूसरी पारी की हकदार नहीं है.
इस सर्वेक्षण के कुछ निष्कर्ष निम्नलिखित हैंः
- गुरुवार, 24 मई को सामने आए मूड आॅफ द नेशन सर्वे का कहना है कि 19 राज्यों के कुल 15,859 मतदाताओं में से सिर्फ 39 प्रतिशत का मानना है कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को 2019 के लोकसभा चुनावों के बाद देश पर शासन करने का एक और मौका मिलना चाहिये.
- करीब 14 प्रतिशत लोग कोई स्पष्ट मत बनाने में असफल रहे.
- इस सर्वे के निष्कर्षों में सबसे दिलचस्प बात यह है कि इसके नतीजे जुलाई 2013 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार के दौरान किये गए सर्वेक्षण के नतीजों के ही समान हैं. वह सर्वे 2014 के आम चुनावों से नौ महीने पहले आयोजित किया गया था.
- 2013 के सर्वे में भी 39 प्रतिशत मतदाता यूपीए गठबंधन को एक और मौका देने के बिल्कुल खिलाफ थे जबकि 31 प्रतिशत ऐसा करने के पक्ष में और बाकी की कोई स्पष्ट राय नहीं थी.
- इस सर्वे में यह भी बताया गया है कि बीजेपी सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा नाराजगी रखने वाले लोग देश के अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित हैं.
- सर्वेक्षण में पाया गया, ''करीब तीन-चौथाई मुसलमान, हर पांच में से तीन ईसाई और आधे से अधिक सरदारों ने ऐसे संकेत दिये कि वे अगले साल होने वाले चुनाव में एक बार फिर मोदी सरकार को सत्ता में आते नहीं देखना चाहते.''
- जब मुसलमानों से अधिक विरोध की उम्मीद की जा रही थी, इस सर्वेक्षण की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि यहां तक कि हिंदुओं का भी यह मानना है कि नरेंद्र मोदी को एक और मौका नहीं दिया जाना चाहिये.
- सर्वे के अनुसार, ''सभी हिंदू समुदायों में से, दलितों और आदिवासियो, जो अत्याचारों और हिंसा के सबसे बड़े पीड़ित भी हैं, 55 प्रतिशत और 43 प्रतिशत के आंकड़े के साथ सरकार के विरोध में सबसे अधिक मुखर पाए गए. सबसे अधिक प्रभावी मानी जाने वाली ओबीसी भी 42 प्रतिशत के आंकड़े के साथ वर्तमान सरकार के विरोध में दिखी.''
हालांकि ऐसा लगता है कि दूसरी पारी को लेकर मोदी सरकार का कुछ और ही मानना और सोचना है. खबरों के अनुसार, मोदी सरकार एक वर्ष पहले ही री-इलेक्शन स्लोगन के साथ सामने आ गइ है जो कहता है, ''2019 में फिर एक बार, मोदी सरकार.''
इस नारे को शनिवार 26 मई को, नरेंद्र मोदी सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने पर रिलीज किया जाएगा. इस नए नारे को बीजेपी के 2014 चुनाव के नारे ''अबकी बार मोदी सरकार'' का विस्तार माना जा सकता है.