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कृषि संकट के लिए कांग्रेस को दोषी ठहराते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से अधिक संसाधन लगाने की वर्तमान एनडीए सरकार की नीति से कृषि उत्पादकता और गांव के लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है.

जेटली ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में निवेश का मौजूदा स्तर अगले दो दशक तक जारी रखने से ग्रामीण क्षेत्रों में आधारभूत संरचना का स्तर शहरों की बराबरी का हो जाएगा. केंद्रीय वित्त मंत्री की यह टिप्पणी एनडीए सरकार पर ग्रामीण भारत और कृषि क्षेत्र की अनेदखी करने के विपक्षी पार्टी के आरोपों और दिल्ली में पिछले हफ्ते किसानों की रैली के संदर्भ में देखी जा सकती है.

जेटली ने 'भारत के ग्रामीण क्षेत्र' शीर्ष ब्लॉग में लिखा है, 'कृषि संकट को दूर करना और ग्रामीण इलाकों में जीवनस्तर की गुणवत्ता में सुधार लाने का काम अकेले नारे से नहीं किया जा सकता है. वर्ष 1971 से, कांग्रेस की नीति- केवल नारे लगाने की थी, न कि संसाधन लगाने की.'

उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधन झोंका है, जिससे बुनियादी ढांचे में सुधार हुआ है, गावों में रहने वाले लोगों जिंदगी और कृषि उत्पादकता में सुधार आया है. मंत्री ने कहा कि किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नीतिगत उपाय किए गए हैं.

जेटली ने कहा, 'पिछले साढ़े चार साल शुरुआत भर हैं. यदि ग्रामीण क्षेत्रों में निवेश में वृद्धि की वर्तमान दर कम से कम अगले दो दशक तक जारी रहती है तो हम ग्रामीण इलाकों में ऐसा जीवन स्तर और बुनियादी ढांचा प्रदान करने के करीब होंगे जो लगभग शहरों के समान स्तर का होगा.' 

सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीरReuters

अलग अलग क्षेत्रों का विवरण देते हुए उन्होंने कहा कि कृषि अनुसंधान और शिक्षा के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने के अलावा सरकार ने पशुपालन, डेयरी और मत्स्यपालन में व्यय को बढ़ाया है.

उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार ने 26 मई, 2014 को कार्यभार संभाला था. ऐसा नहीं है कि उसके बाद कृषि क्षेत्र में अचानक स्थिति बिगड़ गई. कांग्रेस की सरकारों द्वारा कृषि क्षेत्र में लगाए गए संसाधन अपर्याप्त थे. उसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि संकट और जीवन स्तर की गुणवत्ता में कमी , दोनों ने जन्म लिया.'

जेटली ने कहा, 'राजग सरकार ने ग्रामीण भारत में लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए बहुआयामी रणनीति की योजना बनाई ताकि भारतीय गांवों में निवेश की मात्रा बढ़े और भारतीय किसानों को केवल राज्य की एजेंसियों पर निर्भर रहने के बजाय उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सके और खेती काम को अधिक लाभकारी बनाया जा सके.'

उन्होंने उल्लेख किया कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सुधार लाने के उद्देश्य से, आवास और स्वास्थ्य देखभाल के लिए परिव्यय को बढ़ाने के साथ-साथ स्वच्छ भारत, ग्रामीण विद्युतीकरण, जनधन, उज्ज्वला योजना और मुद्रा योजना जैसी विभिन्न योजनाओं को शुरू किया है.