पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में देश से फरार आरोपी मेहुल चोकसी पर एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने एक बड़ा बयान देते हुए मेहुल चोकसी को 'धोखेबाज' बताया है और कहा है कि भारतीय अधिकारी उसकी जांच करने के लिए स्वतंत्र हैं. इसके अलावा एंटीगुआ के प्रधानमंत्री ने कहा कि मेहुल चौकसी को वापस अपने देश जाना ही होगा, ये सब समय की बात है कि वो कबतक कानूनी दांव-पेचों से खुद को बाहर रख पाता है.
संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में भाग लेने न्यूयॉर्क पहुंचे ब्राउन ने कहा कि उन्हें चोकसी की करतूतों के बारे में पर्याप्त जानकारी मिली है. उन्होंने कहा, 'मुझे पर्याप्त जानकारी मिली है कि मेहुल चोकसी एक धोखेबाज (क्रुक) है. उसका मामला अदालत के पास है. अभी तो हम कुछ नहीं कर सकते, लेकिन इतना कहना चाहता हूं कि हमारा मेहुल चोकसी को एंटिगा और बारबुडा में रखने का इरादा नहीं है.'
#WATCH Antigua & Barbuda PM Gaston Browne: Got subsequent information that Mehul Choksi is a crook, he doesn't add value to our country. He will be deported ultimately after he exhausts appeals, Indian officials are free to investigate based on his willingness to participate. pic.twitter.com/FbAaIml0Fv
— ANI (@ANI) 25 September 2019
यह पूछे जाने पर कि क्या वह भारतीय अधिकारियों को एंटिगा में चोकसी से पूछताछ की अनुमति देंगे, ब्राउन ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं हैं. ब्राउन ने कहा कि भारतीय अधिकारी जब चाहें आकर पूछताछ कर सकते हैं, बशर्ते चोकसी भी पूछताछ में शामिल होना चाहता हो. उन्होंने कहा कि इस केस में अभी उनकी सरकार कुछ नहीं कर सकती है क्योंकि मामला अदालत में है.
पीएम ब्राउन ने ये भी बताया कि मेहुल चोकसी की वजह से कैसे उनके सिटिजनशिप बाय इनवेस्टमेंट प्रोग्राम को नुकसान पहुंचा है. मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ के इसी प्रोग्राम का इस्तेमाल करते हुए एंटीगुआ की नागरिकता ले ली थी. उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारियों ने हमें हमें समय पर सूचित नहीं किया है लेकिन हम स्पष्ट हैं कि उन्हें वापस जाना होगा.
एंटीगुआ के पीएम गैस्टन ब्राउन ने ये तो साफ नहीं किया है कितने वक्त में मेहुल चोकसी को भारत भेजा जाएगा. बता दें कि मेहुल चोकसी का मामला एंटीगुआ की कोर्ट में चल रहा है. हालांकि उनके बयानों से मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण की संभावनाओं को बल मिलता है. बता दें कि हाल ही में गैस्टन ब्राउन ने मेहुल चोकसी की नागरिकता को रद्द करने का ऐलान भी किया था. ये कदम भारत के दवाब में उठाया था.
आपको बता दें कि मेहुल चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी हैं और देश से फरार हो चुके हैं. गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चोकसी ने गैरकानूनी तरीके से पैसा कमाकर हजारों करोड़ की प्रॉपर्टी बना ली थी.
पीएनबी से धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद ईडी ने चोकसी की 41 प्रॉपर्टी कुर्क की थी, जिनकी कीमत 1210 करोड़ रुपए है. इनमें चोकसी के 15 फ्लैट, 17 ऑफिस, एक मॉल, चार एकड़ का फार्म हाउस और इसके अलावा महाराष्ट्र में सैकड़ों एकड़ जमीन शामिल है.
2011 से 2018 के बीच हजारों करोड़ की रकम फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिग (LoUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर की गई. नीरव मोदी का मामा मेहुल चोकसी गीतांजलि ग्रुप चलाता था. ग्रुप की तीन कंपनियों गीतांजलि जेम्स, गिली इंडिया और नक्षत्र के खिलाफ फ्रॉड केस दर्ज हैं.