गुरुवार, 14 जून को कश्मीर के पुलवामा जिले में कुछ संदिग्ध आतंकवादियों ने ईद की छुट्टी मनाने ता रहे भारतीय सेना के एक जवान, औरंजेब का अपहरण कर लिया था.
औरंगजेब का गोलियों से छलनी शव अगवा किए जाने के 12 घंटे बाद देर रात अपहरण स्थल से करीब 8 किमी दूर गुसू गांव के पास बरामद हुआ. जवान के सिर और गर्दन में गोली मारी गई थी और उसका चेहरा क्षत विक्षत था. ऐसा लगता है कि गोलियां मारने के बाद पत्थर से उसके चेहरे को कुचला गया है.
#JammuAndKashmir: Body of Army man Aurangzeb, who was abducted by terrorists from Pulwama district, has been found at Gusoo, Pulwama. More details awaited. pic.twitter.com/5q9DHzXct7
— ANI (@ANI) June 14, 2018
एएनआई की खबर के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जबर्दस्त खोजी अभियान छेड़ दिया है और अपहृत जवान को ढूंढने के प्रयास जारी हैं. समाचार एजेंसी ने कहा, ''आतंकियों ने सेना के जवान औरंजेब को पुलवामा जिले से अपहृत किया. वह पुंछ जिले का रहने वाला है. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.''
गौरतलब है कि औरंजेब 30 अप्रैल, 2018 को हिजबुल आतंकी समीर को ढेर करने वाली मेजर रोहित शुक्ला की टीम में शामिल था. इसके अलावा औरंगजेब ने कई बड़े आतंक-निरोधी ऑपरेशनों को भी अंजाम दिया था.
एक तरफ जहां कुछ खबरों में उसके पुलवामा से अपहृत किये जाने की सूचना है वहीं दूसरी तरफ कुछ का बिल्कुल अलग ही मानना है.
इंडिया टुडे के अनुसार, पुंछ जिले के रहने वाले औरंजेब को कथिम रूप से ओल्ड मुगल रोड से अपहृत किया गया.
वहीं दूसरी तरफ, पुलवामा के शादीमार्ग स्थित 44 आरआर के शिविर के कर्मियों ने फस्र्टपोस्ट को बताया कि वे एक निजी वाहन को रुकवाया था और ड्राइवर को औरंजेब को दक्षिण कश्मीर के शोपियां में उतारने को कहा था. हालांकि, वाहन के कालमपोरा पहुंचने पर आतंकियों ने उसे रोका और औरंजेब का अपहरण कर लिया.
सही घटनास्थल का अभी तक पता नहीं चल सका है. औरंजेब शोपियां के कई आतंकवाद विरोधी अभियानों में शामिल रहा था.
इसके पहले साल 2017 में भी आतंकियों ने शोपियां के रहने वाले टेरिटोरियल आर्मी के जवान इरफान अहमद की गोली मार कर हत्या कर दी थी. वहीं इससे पहले कश्मीर में मई 2017 में आंतकियों ने भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज की भी अपहरण करने के बाद हत्या कर दी थी.