जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर भारत सरकार के बड़े फैसले के बाद पाकिस्तान लगातार युद्ध की धमकियां दे रहा है। हालांकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद स्वीकार किया है कि वह भारत से युद्ध नहीं जीत सकते। परमाणु युद्ध की बात करते हुए इमरान ने यह भी कहा कि पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध भारत से हार सकता है लेकिन ऐसी स्थिति में परिणाम गंभीर होंगे। उन्होंने आगे परमाणु युद्ध की धमकी भी दे डाली।
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में परमाणु खतरे के सवाल पर इमरान ने कहा, 'इसमें कोई भ्रम नहीं है। मैंने कहा है कि पाकिस्तान कभी भी परमाणु युद्ध की शुरुआत नहीं करेगा। मैं एक शांतिवादी व्यक्ति हूं। मैं जंग के खिलाफ हूं। मेरा मानना है कि लड़ाइयों से समस्याएं नहीं सुलझती हैं। युद्ध के अनपेक्षित परिणाम देखने को मिलते हैं। आप वियतनाम, इराक की लड़ाइयां देखिए इससे दूसरी कई समस्याएं पैदा हो गईं और वह भी जिसके लिए लड़ाई लड़ी गई उससे ज्यादा गंभीर थीं।'
आपको बता दें कि पिछले दिनों पाक रेल मंत्री शेख रशीद अहमद ने कहा था कि भारत यह सुन ले कि पाकिस्तान के पास पाव और आधा पाव के ऐटम बम भी हैं जो किसी खास इलाके को निशाना बना सकते हैं। इस पर सोशल मीडिया पर लोगों ने काफी मजे भी लिए थे। ऐसे में यह समझना भी महत्वपूर्ण है कि भारत और पाकिस्तान की मिसाइल क्षमता कितनी है और अगर परमाणु युद्ध की नौबत आई तो कौन किस पर भारी पड़ेगा।
पाक पीएम ने आगे कहा, 'मैं स्पष्ट हूं कि जब भी दो परमाणु संपन्न देश पारंपरिक युद्ध लड़ते हैं तो इसके परमाणु युद्ध से खत्म होने की संभावना रहती है। अगर मैं कहूं कि अल्लाह न करे, अगर पाकिस्तान पारंपरिक युद्ध में हारने लगता है और फिर देश के सामने दो विकल्प होंगे कि हम सरेंडर करें या अपनी आजादी के लिए आंखिरी सांस तक लड़ें।' इमरान खान ने कहा कि ऐसी स्थिति में पाकिस्तान अपनी आजादी के लिए आखिरी दम तक लड़ेगा और जब भी कोई परमाणु शक्ति से संपन्न देश अंतिम समय तक लड़ता है तो इसके गंभीर नतीजे देखने को मिलते हैं।
आगे शांति की बात करते हुए पाक पीएम ने कहा, 'यही वजह है कि हमने संयुक्त राष्ट्र का दरवाजा खटखटाया और हम हर इंटरनैशनल फोरम में जा रहे हैं और अपील कर रहे हैं कि कश्मीर पर दखल दें क्योंकि इससे तबाही मच सकती है।' आपको बता दें कि अबतक पाकिस्तान की हर कोशिश नाकाम रही है। संयुक्त राष्ट्र समेत दुनिया के तमाम देशों ने उससे कहा है कि पाक भारत के साथ बातचीत के जरिए मसले का हल ढूंढे। भारत का भी स्पष्ट मत है कि वह कश्मीर पर किसी भी अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप के खिलाफ है क्योंकि यह देश का आंतरिक मामला है।
उन्होंने कहा कि भारत के साथ संवाद की अब कोई संभावना नहीं है क्योंकि उनके देश ने राजनयिक संबंधों को कम कर दिया है। 5 अगस्त को कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ कारोबार भी कम कर दिया है।
इमरान ने कगा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय कश्मीर मसले को हल नहीं करता है तो वैश्विक कारोबार पर इसका असर होगा। इससे पहले न्यू यॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख में इमरान ने कश्मीर पर भारत के साथ परमाणु युद्ध की आशंका जताई थी।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी आईएएनएस द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।