राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार, 19 जनवरी को कहा कि भारत में रहने वाले सभी 130 करोड़ लोग हिंदू हैं।
उत्तर प्रदेश के बरेली में एक समारोह में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा, 'जब आरएसएस के कार्यकर्ता कहते हैं कि यह देश हिंदुओं का है और 130 करोड़ लोग हिंदू हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि हम किसी का धर्म, भाषा या जाति बदलना चाहते हैं... हमें संविधान से इतर कोई शक्ति केंद्र नहीं चाहिए क्योंकि हम इस पर विश्वास करते हैं।'
उन्होंने कहा, 'संविधान कहता है कि हमें भावनात्मक एकीकरण लाने की कोशिश करनी चाहिए। लेकिन भावना क्या है? वह भावना है- यह देश हमारा है, हम अपने महान पूर्वजों के वंशज हैं। भागवत ने कहा कि हमें अपनी विविधता के बावजूद एक साथ रहना होगा, इसे ही हम हिंदुत्व कहते हैं।
भागवत ने कहा कि देश संविधान द्वारा चलाया गया था जिसमें राष्ट्र के उज्ज्वल भविष्य की परिकल्पना की गई थी।
उन्होंने कहा, "यदि आप संविधान को पढ़ते हैं, तो आप महसूस करेंगे कि हर पृष्ठ देश के लिए एक प्रेरणा है। संविधान हमें हमारे प्रारम्भ और हमारे लक्ष्य बताता है।"
उन्होंने कहा कि हमें इजरायल से सीखने की जरूरत है जो अपनी आजादी के लिए लड़े और आज दुनिया के अग्रणी देशों में से एक है।
आरएसएस प्रमुख ने जनसंख्या नियंत्रण पर दिए गए अपने बयान पर भ्रम की स्थिति को भी स्पष्ट करते हुए कहा, "मैंने केवल यह कहा था कि जनसंख्या समस्या के साथ-साथ संसाधन भी है, इसलिए इस संबंध में एक नीति का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए। नीति तय करेगी कि कितने बच्चे होने चाहिए। मैंने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया क्योंकि यह मेरा काम नहीं है।"
(समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)