रिलायंस जियो इंफोकॉम देश की दूसरी बड़ी टेलिकॉम कंपनी बन गई है. रेवेन्यू मार्केट शेयर (आरएमएस) के लिहाज से रिलायंस जियो ने अब वोडाफोन इंडिया को पीछे छोड़ते हुए दूसरा पायदान हासिल किया. अब वह सिर्फ भारती एयरटेल से पीछे है. हालांकि, दोनों के बीच ज्यादा गैप नहीं है.
जियो ने यह कामयाबी गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाकर हासिल की है. जियो का नेटवर्क ग्रामीण इलाकों में भी तेजी से फैल रहा है. आरएमएस के मामले में उसे यहीं से बड़ा फायदा मिला है. कम दाम में सर्विस ऑफर करने की वजह से जियो की इनकम में भी बढ़ा इजाफा हुआ है.
पिछले दो साल में जियो ने जो कामयाबी हासिल की है, वह देश की दूसरी कंपनियों के मुकाबले तेजी से बढ़ी है. इसके पीछे कारण उसकी 4जी सर्विस है. 4जी सर्विस लॉन्च करने के बाद पिछले दो साल में रिलायंस जियो का रेवेन्यू मार्केट शेयर जून 2018 तिमाही में 22.4 पर्सेंट पहुंच गया. टेलिकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के फाइनैंशल डेटा से मिली जानकारी के मुताबिक, इस साल मार्च में खत्म हुई तिमाही के मुकाबले इस क्वॉर्टर में कंपनी के रेवेन्यू मार्केट शेयर में 2.53 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई.
रिलायंस जियो को दूसरे पायदान पर पहुंचने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी. दरअसल, अब तक दूसरे पायदान पर काबिज वोडाफोन का आरएमएस मार्च तिमाही की तुलना में 1.75 फीसदी गिरकर 19.3 फीसदी रह गया. इसके अलावा आइडिया सेल्युलर का आरएमएस 1.06 फीसदी की गिरावट के साथ 15.4 फीसदी रहा.
एयरटेल के रेवेन्यू मार्केट शेयर में भी जून तिमाही में 0.12 फीसदी की गिरावट के साथ अभी 31.7 फीसदी है. हालांकि, अनुमान लगाया जा रहा है कि एयरटेल और जियो दोनों का आरएमएस दूसरी तिमाही में भी बढ़ेगा. ऐसे में रिलायंस जियो को नंबर वन बनने के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.
वहीं जल्द ही आइडिया और वोडाफोन का मर्जर होने वाला है. माना जा रहा है कि आइडिया और वोडाफोन के मर्जर के बाद देश की सबसे बड़ी फोन कंपनी वजूद में आएगी, जिसका आरएमएस 35 फीसदी होगी. तब एयरटेल नंबर दो और जियो नंबर तीन पर पहुंच जाएगी. लेकिन जिस तरह से जियो को लगातार कामयाबी मिल रही है, उस देखते हुए ये संभव है कि आने वाले दिनों में नंबर वन के लिए इन तीनों कंपनियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी.