पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इन दिनों अपने पहले अमेरिकी दौरे पर हैं और इस दौरान उन्होंने आतंकवाद को लेकर जो बयान दिए, उसपर वह अपने ही घर में घिर गए हैं। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने उनकी आलोचना करते हुए कहा है कि उन्होंने आतंकवाद के मसले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह करने की हर संभव कोशिश की। यही नहीं विपक्ष ने उन्हें 'जबरदस्त झूठा' और आतंकियों का समर्थक करार दिया।
उल्लेखनीय है कि इमरान ने मंगलवार को अमेरिका में 'कांग्रेसनल पाकिस्तान कॉकस' की अध्यक्ष शीला जैक्सन द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में दावा किया था कि पाक की पिछली सरकारों ने अमेरिका को आतंकवाद को लेकर सच नहीं बताया था। पाकिस्तान में 40 आतंकी संगठन ऐक्टिव थे। उन्होंने कहा, 'हम आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई लड़ रहे थे। पाकिस्तान का 9/11 से कुछ लेना-देना नहीं है।'
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) की महासचिव नफीसा शाह ने बयान जारी कर कहा कि आतंकवाद के पीड़ितों ने इमरान खान को 'बिना दाढ़ी वाला तालिबान खान' करार दिया है। नफीसा ने कहा, 'सिलेक्टेड पीएम इमरान खान न सिर्फ भ्रष्ट हैं बल्कि आतंकियों के समर्थक हैं। इमरान जितने आत्मविश्वास के साथ झूठ बोलते हैं, उन्हें झूठ का 'गोएबल्स अवॉर्ड' दिया जाना चाहिए। विश्वास के साथ झूठ बोलना अभ्यास से आता है और इमरान दशकों से यह कर रहे हैं।' बता दें कि जोसेफ गोएबल्स जर्मनी के तानाशाह हिटलर का कुख्यात प्रचार मंत्री था।
पीपीपी महासचिव ने कहा कि इमरान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को गुमराह किया जबकि सच्चाई यह है कि वह पिछले 20 सालों में लोकतंत्र के खिलाफ साजिश रचने वालों के प्यादे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'इमरान खान कभी लोकतांत्रिक नहीं रहे हैं क्योंकि जब वह विपक्ष में थे उन्होंने बाहर से संसद पर हमला किया और अब अंदर से कर रहे हैं जब वह सरकार में हैं। इमरान खान में तालिबान की तरह की सहिष्णुता नहीं है। वह विरोधी स्वर बर्दाश्त नहीं कर सकते। अपनी अयोग्यता को छिपाने के लिए वह विपक्ष पर निशाना साध रहे हैं।'
देश की एक और प्रमुख विपक्षी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और नैशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान ने यह कह कर कि मीडिया को नियंत्रित करने की जरूरत है, अपनी तानाशाही मानसिकता का खुलासा किया है। उन्होंने कहा, 'अमेरिका में इमरान नियाजी ने मीडिया पर नियंत्रण की बात कर, अपनी तानाशाही मानसिकता का खुलासा किया है। वह झूठ बोल रहे हैं कि देश में मीडिया आजाद है, जबकि मीडिया सबसे बुरा सेंसरशिप झेल रहा है।'
हबाज ने कहा कि इमरान ने अमेरिका दौरे पर एकता का संदेश देने के बड़े अवसर को खो दिया। उन्होंने कहा, 'इमरान नियाजी नवाज शरीफ के साथ अपनी सनक से बाहर निकलने में नाकाम रहे। उन्हें पाकिस्तान और आगे की चुनौतियों के बारे में बात करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने इसकी जगह नवाज शरीफ पर तुच्छ और व्यक्तिगत हमले को चुना।' शाहबाज ने कहा कि इमरान ने फिर से साबित कर दिया कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे अनफिट व्यक्ति हैं।
उल्लेखनीय है कि इमरान खान ने अपने तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तानी डायस्पोरा को संबोधित किया। इसके बाद उन्होंने वाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता की जिसे उन्होंने बेहद सफल करार दिया। उन्होंने दावा किया कि यह दौरा द्विपक्षी संबंधों को रीसेट करेगा।
साभार : यह लेख मूल रूप से समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा अंग्रेजी में लिखा गया है। यह मूल लेख का हिंदी अनुवाद है।